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शोध : सफाई के बाद घरों में रहता है औसतन 125 ग्राम धूल

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दिल्ली के घरों में रोजाना की साफ-सफाई के बाद भी हर घर में औसतन 125 ग्राम धूल होता है, जो कॉर्पेट, मैट्रेस या सोफा और कार के नीचे होते हैं और इसमें तिलचट्टे का मल भी होता है।छिपी हुई धूल को लेकर किए गए एक अध्ययन में यह जानकारी मिली है।

घर में मौजूद जहरीले प्रदूषक अत्यंत अल्प मात्रा में भी खतरनाक है, क्योंकि हम अपना ज्यादातर समय घर में बिताते हैं और लगातार सांस लेते रहते हैं। लेंसेट कमिशन के जीबीडी अध्ययन में पाया गया कि साल 2016 में कुल 90 लाख लोगों की वायु प्रदूषण से असमय मौत हुई, जो कि कुल वैश्विक मौतों का 16 फीसदी है।

https://aajkikhabar.com/341699/trivendra-singh-rawat-news-nainital-highcourt-statement/

2016 पर्यावरण प्रदर्शन सूचकांक (ईपीआई) के मुताबिक, 3.5 अरब से ज्यादा लोग, जो कि दुनिया की आधी आबादी है, असुरक्षित हवा में सांस ले रहे हैं, जिसमें भारत की 75 फीसदी आबादी शामिल है। वायु प्रदूषण से नवजात का कम वजन, तपेदिक, हृदय रोग, मोतियाबिंद, अस्थमा और नासोफेनजील और लेनजील कैंसर्स होते हैं। नए शोध में पाया गया है कि वायु प्रदूषण संज्ञानात्मक विकास को भी प्रभावित कर सकता है।

वायु प्रदूषण के कारण हर साल 5 वर्ष से कम आयु के करीब 6,00,000 बच्चे मारे जाते हैं। एक अध्ययन से पता चलता है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली के 22 लाख स्कूली छात्रों के फेफड़ों को नुकसान पहुंचा है, जो कभी ठीक नहीं हो सकते।

#Dust #polution #airpollution #India

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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