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बिजनेस

खाद्य तेल के दामों में 10 से 15 रूपए तक गिरावट, जानें कितनी हुई कीमत

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नई दिल्ली। पिछले कुछ महीने से आम आदमी का बजट बिगाड़ कर रखे खाद्य तेल की कीमतों में एक बार फिर गिरावट देखने को मिल रही है। हाल ही में अडानी-विल्मर ने खाद्य तेल की कीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर तक की कटौती की है।

अडानी विल्मर ने एक लीटर के फार्चयून रिफाइंड सनफ्लावर ऑयल की कीमत 220 से घटाकर 210 रुपये प्रति लीटर कर दिया है। कंपनी की तरफ से जारी बयान में कहा गया था कि एक लीटर के सरसो के तेल की कीमत भी अब 205 रुपये की जगह 195 रुपये ही रहेगी।

इसके अलावा हैदराबाद की कंपनी Gemini Edible and Fats ने एक लीटर वाले सनफ्लावर के तेल के पैकेट के दाम को 15 रुपये घटा दिया है। कंपनी आगे भी कीमतों में कटौती कर सकती है।

केन्द्र सरकार के पाम ऑयल पर से इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती के बाद खाद्य तेल की कंपनियों ने अपने पैकेट की कीमतों को घटाया है।

कीमतों में कटौती पर कंपनियों का कहना है कि हमें जो फायदा मिल रहा है वह हम ग्राहकों को भी देना चाहते हैं। बता दें, पाम ऑयल की आपूर्ति प्रभावित होने की वजह से खाने के तेल की कीमतों में अचानक तेजी देखने को मिली थी।

अभी कीमतों में होगी और कटौती?

हाल ही में यह खबर आई थी कि भारत सरकार इंडोनेशिया को गेंहू उपलब्ध करवाएगा और उसके बदले पाम ऑयल वहां से इम्पोर्ट करेगा।हालांकि इसको लेकर दोनों सरकारों की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है लेकिन अगर यह डील सफल हुई तो खाने के तेल की कीमतों में आने वाले समय में फिर गिरावट देखने को मिल सकती है।

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बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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