Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

इन रेसिपीज के बगैर अधूरा है ईद का त्योहार, ईद-उल-फितर की दावत में जरूर करें इन्हें शामिल

Published

on

Loading

ईद आने में बस कुछ दिन बचे हैं. ऐसे में घरों में ईद की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. रमज़ान के पूरे पाक महीने में हर दिन रोजा रख कर सुबह सूरज निकलने से पहले सहरी कर पूरे दिन बिना खाना, पानी के इस व्रत को किया जाता और सूर्यास्त के बाद इफ्तार से इस व्रत को खोला जाता है. पूरे महीने चलने वाले रमज़ान की समाप्ति ईद से होती है. ईद (Eid-ul-Fitr 2022) पर घरों में कई तरह के पकवान पनाएं जाते हैं. रिश्तेदार आते हैं, पार्टी होती है. लेकिन कुछ ऐसी रेसिपीज हैं जिनके बिना ईद अधूरी सी लगती है. अगर आप भी ईद पर बनने वाली खास रेसिपीज को लेकर कंफ्यूज हैं तो हम आपको आज कुछ ऐसी आसान रेसिपी बता रहे हैं जिन्हें आप ईद के दिन आसानी से झटपट बना सकते हैं.

Celebrate Eid Al Fitr at Home in Dubai: Activities, Feast & More - MyBayut

ईद पर बनाएं ये खास और स्वादिष्ट रेसिपीज-

1. कबाब-

Seekh Kabab Stock Photo | Adobe Stock

कबाब ईद पार्टी के खाने की शान है. ईद के मौके पर कबाब को बहुत पसंद किया जाता है. ईद पर आप कई तरह के कबाब जैसे, सीख कबाब, शमी कबाब, गलौटी कबाब, टंगड़ी कबाब, मटन टिक्का कबाब आदि को बना सकते हैं. इन्हें कई मसालों के साथ चिकन या मटन में मैरिनेट कर प्याज और नींबू के साथ गार्निश कर सर्व किया जाता है.

2.शीर खुरमा-

How to make Sheer Khurma

ईद के जश्न में मीठा न हो ऐसा कैसे. भारतीय त्योहारों में मीठा किसी भी सेलिब्रेशन में चार चांद लगाने का काम करता है. ईद पर कई तरह की मिठाई बनाई जाती है जैसे, शीर खुरमा, मीठी सेवइयां, शीर्मल, फिरनी, शाही टुकड़ा आदि.

3.मटन कोरमा-

Photos: Enjoy mutton korma at the Dastarkhawan Food Tour - Outlook Traveller

मटन कोरमा एक पॉपुलर रेसिपीज है. जिसे ढेर सारे मसाले, काजू और गुलाब जल से बनाया जाता है. इस रेसिपी को खासतौर पर ईद पर बनाया जाता है. घर आए गेस्ट को मटन कोरमा रेसिपी बना कर करें इंप्रेस.

4. बिरयानी-

9,589 Biryani Stock Photos, Pictures & Royalty-Free Images - iStock

बिरयानी एक स्वादिष्ट डिश है. ईद का मौका हो और बिरयानी ना बने, यह तो हो ही नहीं सकता. बिरयानी ईद को और भी खास बनाने का काम करती है. बिरयानी की पॉपुलैरिटी के कारण आज देश भर में कई तरह की बिरयानी डिश आपको मिल जाएंगी. अगर आप भी ईद पार्टी में बिरयानी को रखना चाहते हैं, तो इस चिकन बिरयानी को करें ट्राई.

आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

Continue Reading

Trending