मुख्य समाचार
किन्नरों के लिए भारत में पहली बार खुलेगी मॉडलिंग एजेंसी
निवेदिता
नई दिल्ली| भारत में जहां एलजीबीटी समुदाय अपने मानवाधिकार की रक्षा के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 377 हटवाने के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही है। वहीं, पहली बार किन्नरों के लिए एक मॉडलिंग एजेंसी खुल रही है।
यह विचार दिल्ली की किन्नर कार्यकर्ता रुद्राणी क्षेत्री का था। उनका कहना है कि उन्होंने कई सारी सुंदर किन्नरों को निराशा में बदसूरती का अहसास करते देखा है। आईएएनएस को उन्होंने बताया, “मैं भी उनमें से एक थी और जब मैं जवान थी तो मेरे पास ऐसा कोई विकल्प नहीं था। हमारे अंदर यह तीव्र भावना होती है कि मुख्यधारा का समाज हमें स्वीकार करे और हम भी वे सारे काम कर सकें जो दूसरे लोग करते हैं। मैं समझती हूं कि इस एजेंसी के खुलने से युवा किन्नर अपने सपनों को पूरा कर पाएंगे।”
छेत्री मित्र ट्रस्ट की संस्थापक हैं जो शहर के लेस्बियन, गे, बाईसेक्सुअल और ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए काम करती है। उन्होंने ही यह मॉडलिंग एजेंसी खोली है।
इस एजेंसी का लक्ष्य शीर्ष के पांच किन्नर मॉडलों का चुनाव कर उन्हें मुख्यधारा की मीडिया में काम दिलवाना है। इसके लिए वे पूरे भारत में ऑडिशन आयोजित करेंगे। इसके लिए उन्होंने फैशन स्टाइलिस्ट और फोटोग्राफर रिशी राज से हाथ मिलाया है। वे इन मॉडल्स को प्रमुख फैशन पत्रिकाओं में काम दिलवाएंगे।
इस रविवार को नई दिल्ली में वे वॉक इन ऑडिशन आयोजित कर रहे हैं और इसमें चुनी हुई मॉडलों का फोटो शूट किया जाएगा।
राज ने आईएएनएस को बताया, “मैं इस फोटोशूट में किन्नरों के प्राकृतिक उभयलिंगी सुंदरता को उभारने और उन्हें बढ़ाने की कोशिश करूंगा।”
इस उद्यम के लिए बिटगिविंग ऑनलाइन प्लेटफार्म पर एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया गया है।
छेत्री ने बताया, “हम इस उद्यम के लिए फंड इकट्ठा कर रहे हैं। ताकि हम अपने समुदाय के साथ काम कर सकें। हम पिछले आठ महीने से अपने कर्मियों को वेतन नहीं दे पा रहे हैं। इसके अलावा हम यौन कर्मियों को कंडोम तक मुहैया नहीं करवा रहे हैं जबकि उन्हें सबसे ज्यादा खतरा होता है।”
मंगलवार को उच्चतम न्यायालय द्वारा समलैंगिकता के मामले को बड़ी पीठ के हवाले करने के फैसले का एलजीबीटी समुदाय ने स्वागत किया है।
मुख्य समाचार
‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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