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लाइफ स्टाइल

एग्जाम फोबिया करना हो दूर तो अपनाए ‘रेकी थेरेपी’

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नई दिल्ली| कई महीनों की पढ़ाई, नियोजित समयावधि और कोई सामाजिक गतिविधि में भाग लिए बिना पढ़ाई करने के बाद सतीश कौशिक परीक्षा के पहले और परीक्षा से पहले वाली रात को परेशान और सशंकित हो जाता है। वह तड़के तीन बजे तक किताबों से घिरा रहता है। विद्यार्थियों में परीक्षा के दौरान इस तरह का डर नजर आना सामान्य बात है। कुछ मामलों में यह घटना ‘एग्जाम फोबिया’ बन जाती है। 80 फीसदी विद्यार्थी आज के समय में एग्जाम फोबिया नाम के इस तनाव से ग्रस्त रहते हैं।

एक अध्ययन भी बताता है कि परीक्षा के तनाव का सामना करने वाले विद्यार्थी अपने तनाव मुक्त साथियों की अपेक्षा करीब 12 फीसदी नीचे रैंक प्राप्त करते हैं। ऐसा ही सतीश के साथ हुआ, तब उसकी मां ने उसे रेकी फूड थेरेपी अपनाने की सलाह दी, जिससे उसे विचारों और शरीर के सात चक्रों के बीच संतुलन स्थापित करने में मदद मिली। साथ ही उसमें गहराई तक समाए डर में भी कमी आई।रेकी फूड थेरेपी ने सतीश पर बहुत अच्छा काम किया और परीक्षा तथा अन्य गतिविधियों में उसका प्रदर्शन बेहतर हुआ।

रेकी थेरेपी मनोवैज्ञानिक और मानसिक स्थितियों से निपटने का सिद्ध विज्ञान है। रेकी फूड के साथ नियमित रेकी उपचार से ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम के संतुलन में मदद मिलती है। ऑटोनोमिक नर्वस सिस्टम शरीर की अचेतन गतिविधियों जैसे पाचनतंत्र, हार्ट रेट, उत्सर्जन को नियंत्रित करता है। कई शोध में भी बताया गया है कि रेकी तनाव को दूर करने के साथ ही बीमारी के लक्षण भी कम करती है।

रेकी फूड थेरेपिस्ट और नीलवो के संचालक विनय गर्ग कहते हैं कि डॉक्टर या स्वयं के द्वारा नियमित उपचार लिए जाने से नर्वस सिस्टम को संतुलित करने में मदद मिलती है। साथ ही उपयुक्त आराम, तनाव से मुक्ति और एक प्रकार की दिमागी और शारीरिक शांति मिलती है। इससे भावनात्मक रूप से आहत हुए बिना दुनिया के सामने आने की ताकत मिलती है।

उन्होंने कहा, “हमारे भोजन का चुनाव स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। पुरानी कहावत है, हम वैसे ही बनते हैं, जैसा खाते हैं। रेकी प्राचीन हीलिंग प्रक्रिया है जो करीब 2,500 वर्ष पुरानी है। भोजन पर रेकी करने से भोजन में पहले से मौजूद पौष्टिकता बढ़ जाती है।”

रेकी फूड थेरेपी एक तकनीक है, जिसके द्वारा व्यक्ति को जीवन के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने में और उम्मीद के साथ स्वस्थ जीवन जीने मदद मिल सकती है। भारत में यह तकनीक अभी नई है, लेकिन तनाव और अवसाद जैसी बीमारियों से लड़ने में भारतीयों के लिए मददगार हो सकती है।

फैशन

बालों को काला-घना और मजबूत बनाने के लिए अपनाएं यह आसान उपाय

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Healthy Hair Tips

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नई दिल्ली। वर्तमान समय की अनियमित दिनचर्या, जंक फूड्स और केमिकलयुक्त कॉस्मेटिक्स के बढ़ते इस्तेमाल के चलते आजकल लोगों के बाल समय से पहले सफेद होने के साथ झड़ भी रहे हैं और पतले भी हो रहे हैं।

तमाम लोग अपने बालों को काला-घना और मजबूत बनाने के लिए तमाम जतन करते नजर आते हैं। क्या आप भी ऐसी ही समस्या से जूझ रहे हैं और कई प्रयोग करने के बावजूद भी मनचाहा परिणाम नहीं मिल रहा, तो अब परेशान होने की जरूरत नहीं है। इन आसान से उपाय अपनाकर आप भी अपने बाल बेहतर कर सकते हैं।

जानिए क्या हैं यह आसान उपाय

– केमिकल बेस्ड शैंपू का इस्तेमाल बिल्कुल बंद कर दें और प्राकृतिक रूप से बालों की सफाई वाली चीज़ों का इस्तेमाल करें।

– हीट स्टाइलिंग या ऐसे ही अन्य उपाय जो आपके बालों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं, उनसे दूरी बना लें।

– अपने बालों में आयुर्वेदिक चीजों का इस्तेमाल करें इनका रिजल्ट जल्द नजर आता है और लंबे समय तक बना रहता है।

– रोजाना योगाभ्यास करने से भी बालों की ग्रोथ होती है और उनकी क्वॉलिटी भी सुधरती है।

– एशेंसियल ऑयल्स से सप्ताह में कम से कम दो बार बालों की अच्छे से मालिश करें।

– स्ट्रेस से दूर रहें, खुश रहें। जो ना केवल आपके बालों बल्कि पूरे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करता है।

– गुरुत्वाकर्षण बल के कारण हमेशा रक्त का संचार सिर से पैरों की तरफ ज्यादा होता है। अपने सिर में ब्लड का सर्कुलेशन तेज करने के लिए पैरों को ऊपर और सिर को नीचे करके उल्टे होने का भी योगाभ्यास करें।

– प्राकृतिक दिनचर्या का पालन करें और स्वस्थ रहें।

डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी के पूर्ण सत्य होने का हमारा दावा नहीं है। अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।  

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