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उत्तराखंड

उत्तराखंड में सबकी निगाहें पीडीएफ के विधायकों पर

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उत्तराखंड में सबकी निगाहें पीडीएफ के विधायकों पर

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उत्तराखंड में सबकी निगाहें पीडीएफ के विधायकों पर

नई दिल्ली| कांग्रेस के बागी विधायकों को सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कोई राहत न मिलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की नजर अब राज्य में प्रोग्रेसिव डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीएफ) के छह विधायकों पर है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने कांग्रेस के नौ बागी विधायकों की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल द्वारा उनकी सदस्यता खत्म करने के फैसले को चुनौती दी थी।

प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को होने वाले शक्ति प्रदर्शन में वे अब हिस्सा नहीं ले पाएंगे।

पीडीएफ-बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के दो विधायक, उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) के एक विधायक तथा तीन निर्दलीय विधायक-साल 2012 में सरकार के गठन के बाद ही हरीश रावत की सरकार का समर्थन कर रही थी।

कुल 70 सदस्यों वाली विधानसभा में कांग्रेस के पास 36 सदस्य थे, जिनमें से एक आंग्ल-भारतीय समुदाय का मनोनित सदस्य है। पार्टी के पास अब 28 विधायक बचे हैं, जिनमें से एक मनोनित है।

मनोनित सदस्य सदन में मतदान में हिस्सा ले सकते हैं।

अब विधानसभा में कुल 62 सदस्य बच चुके हैं, इसलिए राज्य में सरकार बनाने के लिए 32 विधायकों की जरूरत होगी।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 28 विधायक हैं, जिनमें एक निलंबित सदस्य भीमलाल आर्य हैं। भाजपा भी पीडीएफ के सदस्यों पर निगाह बनाए हुए है।

उत्तराखंड में बसपा के दो विधायकों ने कहा कि वे बहन जी के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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