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उत्तराखंड

उत्तराखंड में फिर धधकने लगे जंगल

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उत्तराखंड, धधकने लगे जंगल, गर्मी का प्रकोप बढ़ा, आग से 4292 हेक्टेअर वन क्षेत्र तबाह

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उत्तराखंड, धधकने लगे जंगल, गर्मी का प्रकोप बढ़ा, आग से 4292 हेक्टेअर वन क्षेत्र तबाह

Fresh Forest Fire

आग बुझाते समय दो लोग झुलसे

पौड़ी/श्रीनगर। गर्मी का प्रकोप बढ़ने के साथ ही जंगलों की आग फिर विकराल रूप लेने लगी है। 12 साल बाद यह दूसरा मौका है जब आग ने इतना विकराल रूप धारण किया है। राज्यभर में अब तक आग से 4292 हेक्टेअर वन क्षेत्र तबाह हो चुका है। बुधवार को पौड़ी के स्मृति वन में धधकी आग ब्लाक दफ्तर तक पहुंच गई। ब्लाक कर्मियों ने स्थानीय लोगों की मदद से तीन घंटे में आग पर काबू पाया। इस दौरान ब्लाक दफ्तर से सटे आरटीओ और ट्रेजरी कार्यालय भी बाल-बाल बचे। श्रीनगर-पौड़ी रोड पर गैस गोदाम और केरोसिन के टैंक को बमुश्किल बचाया गया। 71 फीसदी वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वनों की आग यूं तो हर साल ही हलकान करती आई है, परन्तु वर्ष 2004 के बाद इस बार जैसी स्थिति है, उसने वन विभाग और जनमानस को परेशानी में डाल दिया है। वन क्षेत्र प्रभावित होने के लिहाज से देखा जाये तो 12 साल बाद इस बार सबसे अधिक जंगल प्रभावित हुए हैं और यह सिलसिला अभी थमा नहीं है।

कुछ दिनों की राहत के बाद पहाड़ के जंगल फिर आग में सुलगने लगे हैं। पौड़ी में श्रीनगर-पौड़ी रोड पर राजकीय संप्रेक्षण गृह के समीप गडोली के जंगल में धधकी आग गैस गोदाम, केरोसीन के टैंक और राजकीय संप्रेक्षण गृह के पास तक पहुंच गई। फायर ब्रिगेड और पुलिस के जवानों ने ग्रामीणों की मदद से चार घंटे की मशक्कत के बाद गैस गोदाम और केरोसिन टैंक को चपेट में आने से बचा लिया। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल के ऊपरी हिस्से में आग सुबह तक धधकती रही। सुबह आग की लपटें कम हुईं। जंगल के बीचोंबीच लगी आग को उन लोगों ने बुझाया। जंगल के बीच में ही गैस गोदाम, केरोसिन टैंक और राजकीय संप्रेक्षण गृह है। इसके बाद जंगल के ऊपरी हिस्से में भी आग धधक गई। डीएफओ रमेश चंद ने बताया कि नापखेत में किसी ने आग लगाई थी। यह क्षेत्र वन विभाग के अंतर्गत नहीं आता है। कर्मचारी देर रात साढ़े नौ बजे तक वहां पहुंच गए थे।

श्रीनगर में रविवार को रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के खांकरा रेंज के छांतीखाल-कलियासौड़ के निकट जंगल में आग भड़क गई। स्थानीय निवासी सुधीर कपरुवाण ने बताया कि पूर्वाह्न 11 बजे आग लगनी शुरू हुई। देखते ही देखते ही आग ने काफी बड़े दायरे को चपेट में ले लिया। प्रभागीय वनाधिकारी रुद्रप्रयाग राजीव धीमान के अनुसार आग बुझाने के लिए टीम मौके पर मौजूद है। वहीं दूसरी ओर उत्तरकाशी के गोफियारा से भड़की आग से वरुणावत पहाड़ी पर 36 वर्षों की मेहनत से दस हेक्टेयर में पनपाया श्याम स्मृति वन का आधा हिस्सा राख हो गया। वरुणावत भूस्खलन को उपचारित करने के लिए मस्जिद मोहल्ला क्षेत्र में जियोजूट जाली भी जल गई। आग बुझाने में फायर मैन राम सिंह रावत, प्रताप पोखरियाल घायल हो गए, उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया है।

रात 11 बजे गोफियारा में पिरुल में भड़की आग की सूचना मिलने पर अग्निशमन अधिकारी बृजमोहन नौटियाल फायर मैनों के साथ मौके पर पहुंचे। सुबह तक आग ने जियोजूट जाली को राख कर श्याम स्मृति वन को चपेट में ले लिया था। आग ने वन विभाग के क्रू स्टेशनों की पोल खोल दी है। आग बुझाते समय प्रताप पोखरियाल और फायर मैन राम सिंह फिसलकर घायल हो गए। प्रताप पोखरियाल ने कहा कि शहरी क्षेत्र में आग की घटना की जांच होनी चाहिए।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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