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आध्यात्म

नवंबर की पहली तारीख से चमकेगी इन 4 राशियों की किस्मत, होगा भाग्योदय

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नवंबर की पहली तारीख से कुछ राशियों की किस्मत चमकने वाली है। इन राशियों के लिए आने साल नयी उम्मीदों के साथ कदम रखने वाला है। वो राशि हैं – सिंह, मकर, मीन, तुला, धनु, वृश्चिक

इन राशि के जातकों को रियल एस्टेट संबंधी निवेश में मुनाफा होगा। किसी सामाजिक कार्य में शामिल हो सकते हैं। नए साल में नए दोस्त बनेगें। अपनी पुरानी गलतियों को भूलकर आप जीवन में आगे बढ़ेंगे। नयी परियोजनाओं और कामों में अपना सिक्का जमा पाने में सफल होंगे। परिवार के साथ लम्बी छुट्टी पर जा सकते हैं।

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बता दें, कीमती चीज़ो का ध्यान रखें, खोने की सम्भावना है। जो काम आज आप दूसरों के लिए स्वेच्छा से करेंगे, न सिर्फ औरों के लिए मददगार साबित होगा बल्कि आपके दिल में खुद की छवि भी सकारात्मक होगी। अपने जीवनसाथी के साथ प्यार की गर्माहट महसूस कर सकते हैं।

किस्मत के भरोसे बैठने से सेहत नहीं सुधरती। आपको अपने वजन पर ध्यान देना होगा। स्वस्थ रहने के लिए नियमित व्यायाम का सहारा लें। ज़रुरत से ज्यादा खर्चा न करें। पारिवारिक तनाव के चलते सेहत नासाज़ हो सकती है।

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आध्यात्म

आज है गोवर्धन पूजा, जानें पूजन विधि व शुभ मुहूर्त

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govardhan puja

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हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja) की जाती है। यानी दिवाली अगले दिन ये पर्व मनाया जाता है। इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है और यह 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इस तरह से गोवर्धन पूजा का सही दिन 2 नवंबर ही माना गया है। गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने घर के आंगन में गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं।

गोवर्धन पूजा मुहूर्त

इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

गोवर्धन पूजा विधि

गोवर्धन पूजा के दिन सुबह काल जल्दी उठकर स्नानादि करें। फिर शुभ मुहूर्त में गाय के गोबर से गिरिराज गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाएं और साथ ही पशुधन यानी गाय, बछड़े आदि की आकृति भी बनाएं।

इसके बाद धूप-दीप आदि से विधिवत पूजा करें। भगवान कृष्ण को दुग्ध से स्नान कराने के बाद उनका पूजन करें। इसके बाद अन्नकूट का भोग लगाएं।

गोवर्धन पूजा का महत्व

मान्यताओं के अनुसार, भगवान कृष्ण के द्वारा ही सर्वप्रथम गोवर्धन पूजा आरंभ करवाई गई थी और गोवर्धन पर्वत तो अपनी उंगली पर उठाकर इंद्रदेव के क्रोध से ब्रज वासियों और पशु-पक्षियों की रक्षा की थी। गोवर्धन पूजा में गिरिराज के साथ कृष्ण जी के पूजन का भी विधान है। इस दिन अन्नकूट का विशेष महत्व माना जाता है।

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