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जीएसटी : अक्टूबर 2017 के बाद घट रही है कर वसूली

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देश में जीएसटी 1 जुलाई 2017 से लागू हुआ, मक़सद था एक देश एक कर। जीएसटी से देश के सरकारी खजाने में इस वर्ष ढेर सारा धन एकत्र होना चाहिए था पर आंकड़े तो कुछ और कह रहे हैं। अक्टूबर, 2017 में जहां 95,132 करोड़ रुपए की कर वसूली हुई, मार्च 2018 तक यही आंकड़ा 89,264 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। अक्टूबर 2017 के बाद कर वसूली घटती चली गई। इससे साबित होता है कि सरकारी खजाना घट रहा है।

देश में जीएसटी लागू करने का मकसद पूरे देश में एक समान कर प्रणाली लागू करना ही नहीं, बल्कि कई तरह के टैक्स चुकाने में होने वाली हेराफेरी रोकना भी था, जिससे सरकारी खजाने में बढ़ोतरी हो सके, लेकिन सरकारी खजाना बढ़ने के बजाय घट रहा है।

जीएसटी लागू होने के बाद देशभर के कारोबारियों ने इसका विरोध किया था और कारोबार पर असर पड़ने की बात कही थी। असलियत सामने लाने के लिए न्यूज18 इंडिया की टीम ने ‘ऑपरेशन लुटेरे’ के जरिए पता लगाया कि आखिर कैसे लुट रहा है सरकारी खजाना?

इसके लिए समाचार चैनल की अंडरकवर टीम ने दिल्ली के कई बड़े बाजारों की पड़ताल की। इनमें हर रोज करोड़ों रुपये का कारोबार होता है। पहाड़गंज और गफ्फार मार्किट से लेकर चांदनी चौक और गांधी नगर तक जब टीम पहुंची तो पता लगा कि इन सभी बाजारों में जीएसटी की खुलेआम चोरी की जा रही है।

पहाड़गंज में न्यूज18 इंडिया की टीम ग्राहक बनकर गोपाल सिंह एंड संस दुकान पर पहुंची। इस दुकान पर प्लाइवुड, वुडन बोर्ड का कारोबार होता है। समान की कीमत तय होने के बाद दुकानदार ने बताया कि कारोबारी ने खुद भी जितना माल बेचने के लिए खरीदा है, उसकी असल कीमत के बजाय बिल में सिफी 50 फीसदी ही दिखाई गई है।

कारोबारी चैनल की टीम को भी आधी कीमत का बिल बनाकर देने को तैयार था। यानी सरकारी खजाने को दुकान में बैठे-बैठे ही लूटा जा रहा था। मतलब साफ है, जीएसटी बचाने के लिए आधी कीमत पर माल बेचा जा रहा है। कुछ और दुकानों पर पड़ताल करने के बाद यही सामने आया की पूरे बाजार में जीएसटी चोरी का एक ही खेल है – कम कीमत पर बिल बनाकर सरकारी खजाने की लूट।

पहाड़गंज के बाद चैनल की टीम ने रुख किया गफ्फार मार्किट का। करोलबाग इलाके की इस मार्के ट में हर तरह के इलेक्ट्रॉनिक सामान मिलते हैं। इस बाजार में हर रोज करोड़ों का कारोबार होता है। यहां कई दुकानों पर एलईडी टीवी खरीदने के नाम पर जब खुफिया रिपोर्टर ग्राहक बनकर पहुंचे तो पता चला कोई भी सामान इस मार्किट से खरीदने पर न तो उसका बिल मिलेगा और न ही सामान की कोई गारंटी।

जिस भी कारोबारी से पूछा गया, सबने बिल देने से इनकार कर दिया। सवाल यह कि अगर ग्राहक को कोई बिल दिया ही नहीं जाता तो सरकार को टैक्स कैसे मिलता होगा?

इसके बाद चैनल की टीम ने दिल्ली के मशहूर बाजार चांदनी चौक का दौरा किया, लेकिन यहां भी वही बात निकलकर सामने आई।

 इनपुट आईएएनएस

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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