मुख्य समाचार
अपनी फोटो के राजनीतिक इस्तेमाल से आहत है यह शख्स
गुजरात दंगे का चेहरा बनी है कुतुबुद्दीन अंसारी की तस्वीर
अहमदाबाद। गुजरात दंगों के लिए नरेंद्र मोदी को कठघरे में खड़ा करने में एक तस्वीर का काफी प्रयोग विरोधियों ने किया। तस्वीर ऐसी थी जिसकी यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं, लेकिन हकीकत इससे उलट है। गुजरात दंगों के वक्त प्रयोग हुई कुतुबुद्दीन अंसारी की तस्वीर पूरी तरह से फर्जी थी। दंगों के 14 साल बाद भी अपनी तस्वीर के राजनीतिक प्रयोग से अंसारी आहत हैं। असम और पश्चिम बंगाल चुनाव प्रचार में कांग्रेस द्वारा अपनी तस्वीर प्रयोग करने पर उन्होंने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, ‘हर कोई मेरी तस्वीर देखकर मेरी नीयत पर संदेह कर रहा है। मुझे पता भी नहीं था कि कांग्रेस के पोस्टर में मेरी तस्वीर का प्रयोग हुआ है।’ 2002 गुजरात दंगों के वक्त अंसारी की उम्र 29 साल थी और आंखों में आंसू भरे, दया की गुहार लगाते उनकी तस्वीर दंगों की बेंचमार्क फोटो की तरह प्रयोग की गई।
बॉलिवुड की कई फिल्मों में भी हुआ अंसारी की तस्वीर का प्रयोग
उन्होंने कहा, ‘मैं 43 साल का हो चुका हूं और उस घटना को बीते 14 साल हो चुके हैं। अपने मतलब के लिए मेरी तस्वीर का इस्तेमाल राजनेताओं से लेकर बॉलिवुड और आतंकी संगठनों तक ने किया है। कभी-कभी तो लगता है कि मैं गुजरात दंगों में मर गया होता तो अच्छा था। मैं अपने बच्चों को नहीं बता सकता कि उस तस्वीर में क्यों रो रहा हूं और क्यों दया की भीख मांग रहा हूं।’ असम और पश्चिम बंगाल में कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार के पोस्टर में अंसारी की उसी तस्वीर का प्रयोग किया है। तस्वीर का कैप्शन है, ‘क्या मोदी के गुजरात का मतलब सिर्फ विकास है? क्या आप असम को गुजरात बनाना चाहते हैं। फैसला आपके हाथ में है।’
एक मुस्लिम बहुल चॉल में एक कमरे के घर में जलीलुद्दीन अंसारी परिवार के साथ रहते हैं। टेलर का काम करने वाले अंसारी ने बताया, ‘मैं अपने काम से पत्नी और तीन बच्चों का लालन-पालन ठीक तरह से कर पा रहा हूं। मुझे समझ नहीं आता कि राजनीतिक पार्टियां मेरी तस्वीर का प्रयोग क्यों करती हैं? क्या उन्हें समझ में नहीं आता है कि इससे मेरी जिंदगी और मुश्किल हो जाती है।’ अंसारी ने BJP का नाम लिए बिना कहा, ‘कुछ पार्टी के नेता सोचते हैं कि मैं जान-बूझकर ऐसा कर रहा हूं। मैं इरादतन अपनी तस्वीर का प्रयोग करवाता हूं। इन सबसे मेरी जिंदगी और मुश्किल हो गई है। मैं किसी से कुछ नहीं चाहता। मैं सिर्फ अपनी जिंदगी शांति के साथ गुजरात में रहकर बिताना चाहता हूं।’
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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग
नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।
विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।
चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।
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