उत्तराखंड
माफियाओं के नेतृत्व में चल रही हरीश सरकार : हरक सिंह
ऋषिकेश। कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए विधायक और पूर्व कबीना मंत्री डा. हरक सिंह रावत ने तीर्थनगरी पहुंचने पर मुख्यमंत्री हरीश रावत पर खूब शब्दबाण छोड़े। उन्होंने कहा कि हरीश रावत माफियाओं के नेतृत्व में सरकार चला रहे हैं। इतना ही नहीं उन्होंने सीएम को डेनिस रावत तक कह डाला। भाजपा मंडल ऋषिकेश ने बुधवार को रेवले रोड स्थित व्यापार सभा भवन में उनका अभिनंदन समारोह आयोजित किया। स्थानीय विधायक प्रेम चंद अग्रवाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने उनका फूल-मालाओं से जोरदार स्वागत किया। कार्यक्रम में बोलते हुए हरक ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने के पीछे सबसे बड़ा कारण हरीश रावत की गलत नीतियां रही। प्रदेश की सरकार को आज शराब और खनन माफिया चले रहे हैं।
उन्होंने कहा मैंने सोशल साइट पर देखा हरीश रावत ने लिखा कि मैं रहूं या न रहूं, लेकिन प्रदेश में डेनिस जरूर रहेगी। आज हरीश रावत प्रदेश के युवाओं को नशे के दलदल में धकेल रहे हैं। हरक सिंह ने कहा कि भाजपा में घर वापसी मेरा सौभाग्य। आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि मुझे प्रदेश की जनता पर पूरा विश्वास है कि भाजपा 50 सीटों पर जीत हासिल कर प्रदेश में विकासशील सरकार बनाएगी। इस मौके पर मंडलध्यक्ष चेतन शर्मा, संजय शास्त्री, राकेश अग्रवाल, भरत लाल,गोपाल अग्रवाल, सरोज डिमरी, कुसुम कंडवाल, गीता मनचंदा, सीमा शर्मा, ज्योती सजवाण, जयदेव शर्मा आदि उपस्थित थे।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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