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उत्तराखंड

हरीश रावत ने कांग्रेस के सत्ता में लौटने पर उत्तराखंड में 200 यूनिट बिजली मुफ्त देने की कही बात

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उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सत्ता में लौटने पर प्रदेश में 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त देने की बात कही है।

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इंटरनेट मीडिया पर अपनी पोस्ट में पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस महासचिव हरीश रावत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के फार्मूले को अपनाने के संकेत दिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार को 25 लीटर शुद्ध पीने का पानी भी 2024-25 तक मुफ्त उपलब्ध कराया जाएगा।

साथ ही उनके वायदों को लेकर हमला करने वालों पर तंज कसते हुए रावत ने गुलजार की पंक्तियां कहीं। उन्होंने कहा, मचल कर जब भी आंखों में ढलक जाते हैं दो आंसू, सुना है झरनों को बड़ी तकलीफ होती है।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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