उत्तराखंड
नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दें हरीश रावत: सहदेव
आप नेता कुलदीप सहदेव ने मुख्यमंत्री को किया कटघरे में खड़ा
देहरादून। आम आदमी पार्टी के नेता कुलदीप सहदेव ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। सहस्रधारा रोड स्थित पार्टी कार्यालय में चर्चा के दौरान कुलदीप सहदेव ने कहा कि हरीश रावत सरकार ने पूरे कार्यकाल में अपने को बचाने के फैसले को छोड़कर कुछ नहीं किया। उन्हें नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
आप नेता ने रावत पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बिना किसी ठोस योजना के घोषणाएं कर रहे हैं फिर धन की कमी बताकर उसे ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने हाल ही में आठ नए जिले बनाने की घोषणा की और उसके बाद पैसे की कमी का रोना रोने लगे। नेता जी ने कहा कि अगर नए जिले बनाने हैं तो संसाधान विकसित किए जाएं।
सहदेव ने कहा कि आपदा प्रबंधन में पूरी तरह से प्रदेश सरकार विफल रही है। प्रभावितों के लिए मुख्यमंत्री हरीश रावत द्वारा की गई घोषणाओं पर अमल नहीं हो रहा है। इस मुद्दे पर आप पार्टी ने सरकार से श्वेत पत्र जारी करने की मांग की है। केदारनाथ आपदा के तीन साल हो गए, लेकिन आपदा में जो सड़कंे-पुल, घर, अस्पताल क्षतिग्रस्त हो गए थे, उनका पुर्ननिर्माण नहीं कराया जा सका है। हरीश रावत को सत्ता में आए हुए दो साल हो गए, लेकिन उन्होंने आपदा पीड़ितों को राहत नहीं दिलाई। आज भी लोग बेघर और मूलभूत सुविधाओं से दूर हैं।
बात-चीत के दौरान उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हरीश रावत अल्पमत की सरकार चला रहे हैं। उनके पास बहुमत नहीं है, लेकिन तब भी रावत कुर्सी पर काबिज हैं, जिनका उन्हें कोई हक नहीं है। कुलदीप सहदेव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि शाहिद स्टिंग मामले में भी जल्द ही पीई लगने की उम्मीद है। सीबीआई हरीश रावत से संबंधित हार्स ट्रेडिंग मामले की जांच तो कर ही रही है। अब शाहिद प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने की मांग आप पार्टी ने की है।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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