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उत्तराखंड

उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी

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उत्‍तराखंड का मौसम, भारी बारिश की चेतावनी, 7 से 9 जून के बीच भारी बारिश

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उत्‍तराखंड का मौसम, भारी बारिश की चेतावनी, 7 से 9 जून के बीच भारी बारिश

heavy rain in uttarakhand

देहरादून। मौसम के लिहाज से राज्य के अगले तीन दिन बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि मौसम विभाग ने 72 घंटों तक पूरे राज्य में बारिश की संभावनाएं बरकरार रखी है। पूर्वानुमान दिया गया है कि 7 से 9 जून के बीच ज्यादातर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश होगी। लेकिन कुछ इलाकों में भारी बारिश की भी चेतावनी दी है। जाहिर है कि पिछले कुछ दिनों में मौसम ने जिस तरह से करवट ली उसके बाद कहीं कहीं नुकसान भी हुआ, ये ही वजह है कि चारधाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए खासी एहतियात बरतने की सलाह भी जारी की गई है। बताया गया है कि 9 जून के बाद मौसम साफ हो सकता है, फिल्हाल राजधानी दून में पल पल मौसम बदल रहा है कभी मौसम साफ तो कभी बूंदाबांदी का सिलसिला जारी है।

मौसम विभाग ने भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी करते हुए अलर्ट रहने की सलाह दी है। क्योंकि बारिश के साथ ही तेज हवा और ओलावृष्टि का भी पूर्वानुमान जताया है, जाहिर है किसी भी घटना से बचने के लिए चौकस रहने की जरूरत है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, चम्पावत, अल्मोड़ा, नैनीताल जिलों में कहीं कहीं भारी बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह ने पूर्वानुमान जारी करते हुए कहा है कि इन जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावनाएं अगले 72 घंटों तक बनी रहेंगी।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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