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उत्तराखंड: बारिश ने मचाई भारी तबाही, चार धाम यात्रा रुकी
जगह जगह बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त
गोपेश्वर। उत्तराखंड के चमोली जनपद में अतिवृष्टि से आपदा जैसे हालात पैदा हो गए हैं। जनपद में तीन जगहों पर बादल फटने की घटनाएं हुई हैं। घाट पुराने बाजार में एक मकान में सो रहे दादा और नाती नंदाकिनी नदी में बह गए हैं। जबकि घाट ब्लॉक के ही जाखणी गांव में दो नेपाली मजदूरों सहित पांच लोग लापता बताए जा रहे हैं। दशोली ब्लॉक के सिरों गांव में अखोड़ी गदेरे के ऊफान में दो युवकों की जान चली गई है।
भारी बारिश ने ताजा की 2013 की आपदा की यादें
उत्तराखंड में गुरुवार रात नौ बजे से हो रही बारिश शुक्रवार को भी दिनभर जारी रही। भारी बारिश को देखते हुए ग्रामीण दहशत में हैं। बदरीनाथ हाईवे के जगह-जगह क्षतिग्रस्त होने से बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के दर्शन कर लौट रहे और धामों के दर्शनों को जा रहे करीब तीन हजार तीर्थयात्रियों को जगह-जगह सुरक्षित स्थानों पर रोक लिया गया है। दशोली ब्लॉक के सिरौं गांव, घाट ब्लॉक के जाखणी गांव और बदरीनाथ हाईवे पर रुईगाड गदेरे में बादल फटने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
सिरौं गांव के बीचों-बीच स्थित अखोड़ी गदेरे में सुबह पांच बजे बादल फटा, जिससे गदेरा उफान पर आ गया। गदेरे के तेज उफान में गांव के मनोहर सिंह झिंक्वाण (30) पुत्र मोहन सिंह और जयप्रकाश (36) पुत्र दर्शन सिंह बह गए। पुलिस ने दोनों का शव बरामद कर लिया है।
मुख्यमंत्री ने आपदा प्रभावितों को दो-दो लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की
घाट पुराने बाजार में नंदाकिनी के उफान पर आने से घूनी गांव निवासी रामचंद्र (80) और उनका नाती योगेश्वर प्रसाद (18) पुत्र सुंदरमणि आवासीय मकान समेत बह गए हैं। दोनों का अभी तक कोई सुराग नहीं मिला है। घाट ब्लॉक के जाखणी गांव में भी चार लोगों के बहने की सूचना है।
यहां बीरबल, राजेश्वरी देवी पत्नी बीरबल, अब्बल सिंह और दो नेपाली मूल के मजदूर मलबे में जिंदा दफन हो गए हैं। इसी ब्लॉक के वादुक गांव में ग्रामीण सुरेंद्र सिंह आवासीय भवन के क्षतिग्रस्त होने से मलबे में दब गया है।
घाट पुराने बाजार में शंभू प्रसाद, बदरी प्रसाद, कुंवर राम और हिम्मत सिंह के मकान भी नंदाकिनी नदी में बह गए। कुमजुग गांव के कुमारतोली तोक में नंदाकिनी नदी से करीब 12 मकान मलबे में दब गए हैं। गांव में स्थित सरस्वती विद्या मंदिर का भवन भी मलबे में दब गया है।
गांव के ग्रामीण बुद्धिराम, गुड्डूराम, मंजू, संदीप, महावीर, नंदी देवी, सीता देवी और बंशीराम को एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमों ने सुरक्षित निकाल दिया है। घाट बाजार में सुरेंद्र सिंह, अब्दुल गफ्फार और गीता देवी की दुकानें बह गई हैं, जबकि ग्रामीण शिव सिंह नेगी, मोहन सिंह, नरेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, भागवत सिंह और रमेश रौतेला के आवासीय मकानें नंदाकिनी नदी के कटाव से खतरे की जद में आ गई हैं। श्रीनगर में अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने से लोग सहम गए हैं।
डीएम, चमोली, विनोद कुमार सुमन ने बताया कि अभी तक अतिवृष्टि से पांच लोगों के मरने की सूचना है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, पुलिस और आपदा प्रबंधन की टीमें राहत, बचाव कार्य में जुट गई हैं। आपदा प्रभावितों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। तहसील और राजस्व विभाग के अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में भेज दिया गया है।
वहीं रुद्रप्रयाग में भी अलकनंदा नदी का जलस्तर बढ़कर 622.350 एम पहुंच गया है। ऊखीमठ में गुरुवार देर रात से शुक्रवार सुबह तक 27 एमएम दर्ज की गई। जखोली में शुक्रवार सुबह तक 1.55 एमएम बारिश रिकॉर्ड की गई है। अलकनंदा और मंदाकिनी ऊफान पर है। मौसम विभाग के अलर्ट के बाद गुरुवार देर रात उत्तराखंड के पहाड़ी और मैदानी इलाकों में मेघ जमकर बरसे। लगातार हो रही बारिश ने एक बार फिर से 2013 की आपदा की याद ताजा कर दी है।
पिथौरागढ़। आज सुबह उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के डीडीहाट और थल तहसील क्षेत्र में बादल फटने से बस्ताड़ी क्षेत्र में सर्वाधिक नुकसान हुआ। यहां पहाड़ी से आये मलबे में कई लोग दफन हो गये। सूचना पर आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस-प्रशासन और सेना के जवान मौके पर पहुंच राहत बचाव कार्य में जुट गये। मलबे से अब तक छह शवों को निकाला जा चुका है जबकि अभी भी 25 से अधिक लोग लापता बताये जा रहे हैं। जिले में संचार सेवा ठप हो गयी है।
मुख्यमंत्री हरीश रावत ने पिथौरागढ़ और चमोली जिले में भारी वर्षा व भूस्खलन से मृत लोगों के प्रति गहरा दुःख व्यक्त किया। उन्होंने इस घटना में मृत लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की राहत राशि देने की घोषणा की। रावत ने कहा कि यह दुःखद घटना है, प्रभावितों के साथ राज्य सरकार खड़ी है। मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि घायलों को त्वरित उपचार उपलब्ध कराया जाये साथ ही अनुमन्य राहत राशि भी शीघ्र उपलब्ध करायी जाये।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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