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आध्यात्म

मिल रहे हैं ये संकेत, तो समझिए होने वाली है मां लक्ष्मी की कृपा

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Goddess Lakshmi

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नई दिल्ली। नए साल के आगमन में बस कुछ ही दिन शेष हैं। हर किसी की चाहत होती है आने वाला समय अच्छे से बीते और उसके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी न हो। मां लक्ष्मी की कृपा से धन धान्य की बढ़ोतरी हो। हिंदू धर्म में मां लक्ष्मी को धन-ऐश्वर्य, वैभव की देवी माना जाता है।

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माना जाता है कि मां लक्ष्मी को मनाना जितना ही आसान है। वह उतने ही जल्दी रुष्ट भी हो जाती हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी को विभिन्न उपायों के द्वारा प्रसन्न किया जा सकता है। इसके साथ ही जब भक्तों के ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा होती है या फिर होने वाली होती है, तो इसके संकेत कुछ समय पहले से ही मिलने लगते हैं। जानिए ऐसे ही कुछ संकेतों के बारे में, जो घर में मां लक्ष्मी के आगमन के संकेत देते हैं।

नए साल में मां लक्ष्मी के आने के संकेत

हथेली में खुजली

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हथेली में खुजली भी मां लक्ष्मी के आने या फिर धन हानि का संकेत देते हैं। अगर किसी स्त्री के बाएं हाथ और पुरुष के दाएं हाथ में खुजली हो रही है, तो इसका मतलब है कि मां लक्ष्मी की कृपा से जल्द ही धन की प्राप्ति होने वाली है।

घर में काली चींटियों का निकलना

अगर आपके घर के मुख्य द्वार से काली चीटियां झुंड में निकलती है, तो यह काफी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह मां लक्ष्मी के आगमन का संकेत माना जाता है।

सपने में सोना दिखना

अगर सपने में सोने से बनी ज्वैलरी देखते हैं, तो इसका मतलब है कि धन लाभ होने वाला है।

सुबह झाड़ू लगाते देखना

नए साल में सुबह उठते ही घर में किसी को या फिर घर से निकलते ही बाहर किसी को झाड़ू लगाते हुए देखते हैं, तो इसका मतलब है कि मां लक्ष्मी की कृपा से पैसों की तंगी से छुटकारा मिलेगा।

घर में चिड़िया का घोंसला

घर में कबूतर का घोंसला बनाना अशुभ माना जाता है लेकिन अगर कोई अन्य चिड़िया आपके घर में घोंसला बना लेती हैं, तो समझ लें कि मां लक्ष्मी का आगमन होने वाला है।

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डिस्क्लेमर: उपरोक्त जानकारी की सटीकता या सत्यता का हमारा दावा नहीं है। संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।

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आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

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महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

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