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स्वतंत्रता दिवस के बारे में वो रोचक तथ्य, जिसके बारे में नहीं जानते होंगे आप

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लखनऊ। राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस की पूरे देश में धूम है। आजादी की 78 वीं वर्षगांठ पर हर साल की तरह इस साल भी उत्साह है लेकिन जिस आज़ादी में हम खुली सांस ले रहे हैं वो हमें ऐसे ही नहीं मिली। हजारों लोगों ने अपनी शहादत देकर भारत को आज़ाद करवाया। लेकिन आज हम आपको स्वतंत्रता दिवस के बारे में ऐसी रोचक बातें बताने जा रहे हैं जो शायद आपको पहले से नहीं पता होंगी।

1. आजादी एक दिन में नही बल्कि बरसों संघर्ष करने के बाद मिली। आजादी के लिए पहला बलिदान 1857 में दिया गया।

2. 14 अगस्त की मध्यरात्रि को नेहरू ने एक भाषण दिया था ‘ट्रिस्ट विद डेस्टनी। इसे पूरी दुनिया ने सुना लेकिन महात्मा गांधी ने नही.. क्योंकिं वह उस दिन 9 बजे सोने चले गए थे।

3. भारत 15 August को आज़ाद जरूर हो गया, लेकिन उसका अपना कोई राष्ट्र गान नहीं था। हालांकि रवींद्रनाथ टैगोर जन-गण-मन 1911 में ही लिख चुके थे, लेकिन यह हमारा राष्ट्रगान 1950 में ही बन पाया।

4. 15 अगस्त 1947 को, पूरा देश आजादी के जश्न में डूबा था लेकिन गांधी जी इसमे शामिल नही हो पाए, क्योकिं वह इस समय कलकत्ता में हिंदु-मुस्लिम दंगे को रोकने में लगे थे।

5.  भारत और पाकिस्तान के बीच की सीमा रेखा 15 August तक नही थी। यह 17 August को रेडक्लिफ लाइन के रूप में खींची गई।

6.  अमेरिका को आजाद हुए 241 साल हो चुके हैं लेकिन भारत को सिर्फ 72 साल।

7.  हर स्वतंत्रता दिवस पर माननीय प्रधानमंत्री लाल किले से झंडा फहराते हैं लेकिन 1947 में ऐसा नही हुआ। नेहरू जी ने 16 अगस्त को लाल किले से झंडा फहराया।

8.  आजादी के बाद पुर्तगाल ने अपने संविधान में संशोधन करके गोवा को अपना हिस्सा घोषित कर दिया था। फिर 19 दिसंबर 1961 को भारतीय फौज ने गोवा पर कब्जा करके उसे भारत का हिस्सा बनाया।

9.  15 अगस्त 1947 को, 1 रुपया 1 डाॅलर के बराबर था और सोने का भाव 88 रुपए 62 पैसे प्रति 10 ग्राम था।

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शराब घोटाला: केजरीवाल के खिलाफ चलेगा केस, एलजी ने ईडी को दी मंजूरी

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नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 से पहले अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ गई हैँ। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने ईडी को आबकारी नीति मामले में पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को ईडी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी।

ईडी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और कस्टमाइज शराब नीति बनाकर निजी कंपनियों को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी का यह भी कहना है कि केजरीवाल ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए इस रकम को छुपाने की कोशिश भी की। बता दें यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में पहले से दर्ज है।

ईडी ने जो शिकायत दायर कि है उसमें आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने ‘साउथ ग्रुप’ के सदस्यों के साथ मिलकर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली और एक विशेष शराब नीति तैयार करके उसे लागू करके निजी संस्थाओं को अनुचित लाभ पहुंचाया। ईडी ने अभियोजन शिकायत में यह भी आरोप लगाया कि अपराध की आय से लगभग 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा चुनावों में केजरीवाल की मिलीभगत और सहमति से आप के प्रचार के लिए किया गया।

जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि आप अपराध की आय का ‘मुख्य लाभार्थी’ थी और केजरीवाल राष्ट्रीय संयोजक और राजनीतिक मामलों की समिति और राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य होने के नाते गोवा चुनावों के दौरान धन के उपयोग के लिए जिम्मेदार थे। ED ने रिपोर्ट में उल्लेख किया कि अरविंद केजरीवाल ने इस पीओसी (अपराध की आय) को नकद हस्तांतरण/हवाला हस्तांतरण के माध्यम से पीढ़ी से लेकर उपयोग तक छुपाया है। इसलिए, आरोपी अरविंद केजरीवाल वास्तव में और जानबूझकर मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जुड़ी अलग अलग प्रक्रियाओं और गतिविधियों में शामिल हैं, यानी पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम), 2002 की धारा 3 के तहत परिभाषित उत्पादन, अधिग्रहण, कब्जा, छिपाना, हस्तांतरण, उपयोग और इसे बेदाग होने का दावा करना है।

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