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भारत ब्रेक्सिट से निपटने के लिए तैयार : वित्त मंत्रालय

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भारत ब्रेक्सिट से निपटने के लिए तैयार : वित्त मंत्रालय

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भारत ब्रेक्सिट से निपटने के लिए तैयार : वित्त मंत्रालयनई दिल्ली| वित्त मंत्रालय ब्रिटेन में यूरोपीय संघ (ईयू) का सदस्य बने रहने या उससे बाहर निकलने (ब्रेक्सिट) से जुड़े घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए है। एक शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को बताया कि इस संबंध में किसी भी तरह की अस्थिरता को संभालने के लिए भारत ने पूरी तरह से कमर कस ली है।

आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने ट्वीट कर कहा, “अगर ब्रिटेन ईयू से बाहर जाता है तो इसके लिए भारत तैयार है। ईयू में बने रहने या इससे बाहर निकलने के लिए आज जनमत संग्रह है। हम ब्रिटेन के घटनाक्रमों पर नजर बनाए हुए हैं। भारत पूरी तरह से तैयार है।”

उद्योग संघों ने ब्रिटेन के ईयू से बाहर निकलने की स्थिति में सरकार से आपात योजना तैयार रखने को कहा है।

उद्योग संगठन एसोचैम ने अपने बयान में कहा, “एक प्रमुख उभरते बाजार के रूप में भारत में बड़े पैमाने पर उतार-चढ़ाव हो सकता है और बड़े स्तर पर विदेशी निवेशक पूंजी निकाल सकते हैं।”

भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के मुताबिक भारत बाकी यूरोप की तुलना में ब्रिटेन में अधिक निवेश करता है। भारत ब्रिटेन का तीसरा सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेशक है।

भारत के अन्य देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापार में ब्रिटेन 12वें स्थान पर है। जिन 25 देशों के साथ द्विपक्षीय व्यापारिक संतुलन भारत पक्ष में झुका हुआ है उनमें ब्रिटेन सातवें स्थान पर है।

वाणिज्य मंत्रालय आंकड़ों के मुताबिक, 2015-16 में ब्रिटेन के साथ भारत का व्यापार 14.02 अरब डॉलर रहा, जिसमें से 8.83 अरब डॉलर निर्यात और 5.19 अरब डॉलर आयात था।

फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) के भी मुताबिक यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के निकलने से भारतीय कारोबार में अनिश्चितता आएगी। इसके साथ ही निवेश और ब्रिटेन जाने वाले पेशेवरों के रुझान पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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