मुख्य समाचार
आईपीएल : कोटला में आज सुपरजाएंट्स से भिड़ेगी दिल्ली
नई दिल्ली| चोटों से जूझ रही महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी वाली राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स को गुरुवार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के नौवें संस्करण में यहां फिरोज शाह कोटला मैदान पर मजबूती से उभरी दिल्ली डेयरडेविल्स से भिड़ना है। सात मैचों में पांच मैच जीतने वाली दिल्ली ने हाल ही में कोलकाता नाइट राइडर्स और गुजरात लायंस पर लगातार दो जीत दर्ज की है और वह अंकतालिका में दूसरे स्थान पर है।
वहीं, केविन पीटरसन, स्टीवन स्मिथ, मिशेल मार्श और फाफ डू प्लेसिस जैसे सितारों के चोटिल हो जाने के कारण पुणे लगातार हार झेलती आ रही है। आईपीएल के सबसे सफल कप्तानों में गिने जाने वाले धौनी की यह टीम आठ मैचों में सिर्फ दो में ही जीत हासिल कर सकी है।
पिछले सत्रों के विपरीत दिल्ली की टीम ने अपनी सोच को बदला है। मेंटर राहुल द्रविड और कोच पैटी अपटॉन के मार्गदर्शन में टीम ने सही बदलाव कर सफलता हासिल की है।
दिल्ली के शानदार प्रदर्शन का श्रेय टीम के कप्तान जहीर खान को भी जाता है जोकि टीम को शुरुआती सफलता दिला रहे हैं, साथ ही अंतिम ओवरों में भी टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। फ्रेंचाइजी का युवा खिलाड़ियों में निवेश करने का फैसला भी अभी तक सही साबित हुआ है।
युवा ऋषभ पंत और संजू सैमसन ने टीम की बल्लेबाजी को मजबूती दी है। वहीं, अमित मिश्रा और युवा शहबाज नदीम अहम समय पर टीम को सफलता दिलाने में कामयाब रहे हैं।
इनके अलावा विदेशी खिलाड़ियों ने भी टीम में अच्छा योगदान दिया है। सलामी बल्लेबाज दक्षिण अफ्रीका के क्विंटन डी काक ने टीम को अच्छी शुरूआत दी है। डी काक के अलाव उन्हीं के हमवतन ज्यां पॉल ड्यूमिनी, इमरान ताहिर और क्रिस मौरिस ने अपनी-अपनी भूमिका को बखूबी निभाया है।
वेस्टइंडीज के कार्लोस ब्राथवेट के रूप में टीम के पास ऐसा बल्लेबाज है जो हर परिस्थति से मैच जीता सकता है।
दूसरी तरफ पुणे की टीम के लिए मुश्किलें कम नहीं हैं। धौनी जानते हैं कि अगर उन्हें प्ले ऑफ की दौड़ में बने रहना है तो अगले छह मैच जीतना उनके लिए जरूरी है। इसकी शुरुआत उन्हें गुरुवार से करनी होगी।
टीम के पास बल्लेबाजी में कम ही विकल्प बचे हैं। धौनी के अलावा टीम की बल्लेबाजी अंजिक्य रहाणे, उस्मान ख्वाजा और जॉज बेली पर निर्भर करेगी।
गेंदबाजी धौनी के लिए सबसे बड़ी परेशानी है। रविचन्द्रन अश्विन इस सत्र में पूरी तरह असफल रहे हैं जबकि तिसारा परेरा और अशोक डिंडा भी प्रभावित करने में नाकामयाब रहे हैं।
टीमें (संभावित) :
राइजिंग पुणे सुपरजाएंट्स : महेंद्र सिंह धौनी (कप्तान), अजिंक्य रहाणे, उस्मान ख्वाजा, जॉर्ज बेली, जसकरन सिंह, रविचंद्रन अश्विन, अंकित शर्मा, एल्बी मोर्केल, इरफान पठान, ईशांत शर्मा, ईश्वर पांडे, तिसारा परेरा, सौरभ तिवारी, आर. पी. सिंह, रजत भाटिया, अंकुश बैंस, बाबा अपराजित, मुरुगन अश्विन, अशोक दिंडा, दीपक चाहर, स्कॉट बोलांड, पीटर हैंड्सकोम्ब और एडम जाम्पा।
दिल्ली डेयरडेविल्स : जहीर खान (कप्तान), अमित मिश्रा, श्रेयस अय्यर, मोहम्मद समी, सौरभ तिवारी, शहबाज नदीम, मयंक अग्रवाल, जयंत यादव, ट्रेविस हेड, नाथन कोल्टर-नाइल,इमरान ताहिर, जेपी ड्यूमिनी, क्विंटन डी कॉक, पवन नेगी, क्रिस मोरिस, संजू सैमसन, कार्लोस ब्राथवेट, करुण नायर, ऋषभ पंत, जोएल पेरिस, सैम बिलिंग्स, चामा मिलिंद, प्रत्यूष सिंह, महिपाल लोमरोर, सईद खलील अहमद, अखिल हेरवाडकर, पवन सुयाल।
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‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना से 82,120 बालिकाओं को खेल में निपुण बनाएगी योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में पढ़ने वाली 82,120 बालिकाओं की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने का प्रयास तेज कर दिया है। सरकार इस उद्देश्य को ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू कर साकार करेगी।
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह के नेतृत्व में इस योजना के अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को विशेषज्ञ प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस योजना से बालिकाएं खेल में निपुण होने के साथ-साथ शारीरिक, मानसिक और सामाजिक विकास भी प्राप्त करेंगी, जिससे वे समाज में एक सशक्त पहचान बना सकेंगी।
उत्तर प्रदेश के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) में बालिकाओं की खेल प्रतिभा को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर उभारने के उद्देश्य से ‘एक केजीबीवी, एक खेल’ योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य पिछड़े और वंचित समुदायों की बालिकाओं को खेल के क्षेत्र में विशेष कौशल प्रदान करना है। इसके अंतर्गत प्रत्येक विद्यालय में एक विशेष खेल का चयन किया जाएगा, जिसमें छात्राओं को खेल विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षित किया जाएगा। यह योजना पायलट प्रोजेक्ट के रूप में प्रत्येक जनपद के दो केजीबीवी में आरंभ की जाएगी और सफल होने पर इसे अन्य विद्यालयों में भी विस्तार दिया जाएगा।
राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है उद्देश्य इस योजना का मुख्य उद्देश्य केजीबीवी में अध्ययनरत 82,120 छात्राओं को खेलों में प्रशिक्षित कर राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है। यह योजना छात्राओं को न केवल खेल किट और आधारभूत प्रशिक्षण प्रदान करेगी, बल्कि विभिन्न प्रतियोगिताओं में जनपद और राज्य स्तर पर चयनित करने की प्रक्रिया भी सुनिश्चित करेगी।
विद्यालय में खेल का चयन ऐसे होगा
प्रत्येक विद्यालय में एक खेल समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें वार्डन, व्यायाम शिक्षिका, खेल प्रभारी और दो खिलाड़ी छात्राएं होंगी। यह समिति छात्राओं की रुचि और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर एक खेल का चयन करेगी। चयनित खेल में प्रशिक्षण देने के लिए योग्य महिला प्रशिक्षक नियुक्त की जाएगी। आवश्यकतानुसार, बाहरी खेल प्रशिक्षकों की सहायता भी ली जा सकेगी।
विशेष प्रशिक्षण और स्वास्थ्य पर रहेगा विशेष ध्यान
योजना के अंतर्गत, खेल गतिविधियों के संचालन के लिए एक निर्धारित समय सारिणी होगी, जिसमें प्रशिक्षक छात्राओं को खेल की बारीकियां सिखाएंगे। बेहतर स्वास्थ्य के लिए पोषण और स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें छात्राओं को आहार, पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाएगा। बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण भी समय-समय पर किया जाएगा।
समाज और विभागीय सहयोग लिया जाएगा
पूर्व राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को भी बुलाकर छात्राओं को प्रेरित किया जाएगा। उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली बालिकाओं को स्थानीय स्तर पर पुरस्कृत भी किया जाएगा। इसके अलावा, विद्यालयों में खेल प्रतियोगिताओं के दौरान सम्मानित नागरिकों और विभागीय अधिकारियों को आमंत्रित कर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया जाएगा।
खेल संघों और कॉर्पोरेट समूहों से भी लिया जाएगा सहयोग
योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए राज्य और राष्ट्रीय स्तर के खेल संघों के साथ कॉर्पोरेट समूहों से भी सहयोग लिया जाएगा। कॉर्पोरेट समूहों की मदद से छात्राओं के लिए आवश्यक खेल सामग्री और अन्य सुविधाएं बेहतर तरीके से उपलब्ध कराई जाएंगी।
बालिकाओं का विशेष स्थानांतरण और अभिभावकों की ली जाएगी सहमति
चयनित छात्राओं को विशेष खेल प्रशिक्षण देने के लिए तीन महीने तक नोडल केजीबीवी में रखा जाएगा। इस दौरान उनके रहने, खाने और प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था होगी। इसके बाद, छात्राओं को उनके मूल केजीबीवी में वापस भेज दिया जाएगा। छात्राओं के स्थानांतरण से पूर्व उनके अभिभावकों से सहमति ली जाएगी।
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