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मुख्य समाचार

डीडीसीए मुद्दे पर राज्यसभा में हंगामा, कार्यवाही बाधित

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नई दिल्ली| कांग्रेस सदस्यों के दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले में वित्त मंत्री अरुण जेटली के इस्तीफे की मांग को लेकर हंगामे करने की वजह से राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को भी बाधित रही। यह अवरोध शुक्रवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कई लंबित विधेयकों का रास्ता साफ करने के लिए बनी एक सहमति के बाद उत्पन्न हुआ है।

राज्यसभा सदस्यों के किशोर न्याय विधेयक की तात्कालिकता पर सहमत होने के बाद विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने डीडीसीए का मुद्दा उठाया और इसमें जेटली की कथित संलिप्तता का उल्लेख किया।

उप-सभापति पी.जे. कुरियन ने नबी की टीका-टिप्पणी को अपने रिकॉर्ड के जरिए काटा।

दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ से जुड़े कथित भ्रष्टाचार मामले के चलते विपक्ष के निशाने पर आए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वह किसी भी आरोप का जवाब देने के लिए तैयार हैं। उन्होंने विपक्ष से इस मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए कहा।

उन्होंने कहा कि उन्होंने इस मुद्दे को लेकर संसद के बाहर उन पर लगाए गए आरोपों के खिलाफ कानूनी मदद ली है।

जेटली ने कहा, “मुझे कोई परेशानी नहीं है। कुछ लोग संसद के बाहर आरोप लगाते हैं। मैंने कानून का सहारा लिया है। कृपया सारे दावों को छोड़ दीजिए और विपक्ष के नेता से मेरे खिलाफ किसी भी विषय पर चर्चा कराने के लिए कहिए। मैं तुरंत जवाब दूंगा।”

कांग्रेस सदस्य हालांकि जेटली के जवाब से संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने जेटली से यह सवाल करते हुए नारेबाजी शुरू कर दी कि ‘क्या मैं मान लूं कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं हैं?’

इस पूरे हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही 15 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यसभा की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर संसदीय मामलों के केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि किशोर न्याय विधेयक पर चर्चा के लिए अनुपूरक कार्य सूची लाई जाएगी।

कुरियन द्वारा शून्य काल का आगाज कराने के लिए बढ़ते ही कांग्रेस सदस्यों ने फिर नारेबाजी शुरू कर दी।

कांग्रेस सदस्यों ने सभापति की आसंदी के करीब जेटली के इस्तीफे की मांग की व नारे लिखी तख्तियां लेकर वहां एकतित्र हो गए।

कुरियन ने सदन की कार्यवाही अपराह्न् 12 बजे तक के लिए स्थगित करने से पूर्व कहा, “वित्त मंत्री का कहना है कि वह मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार हैं, इसके बावजूद नारेबाजी करना अनुचित व अस्वीकार्य है। यह सर्वाधिक दुर्भाग्यपूर्ण है।”

सभापति हामिद अंसारी ने हंगामा जारी होने की वजह से बाद में सदन की कार्यवाही अपराह्न् 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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