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प्रादेशिक

कालाहांडी की याद दिला दी बुंदेलखंड के गांव ने : योगेंद्र यादव

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भोपाल| स्वराज अभियान के राष्ट्रीय संयोजक योगेंद्र यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के टीकमगढ़ जिले के कोड़िया गांव ने उन्हें कालाहांडी की याद ताजा करा दी है। इस गांव के सहरिया आदिवासियों के टोला (मुहल्ले) का हाल ठीक वैसा ही है, जैसा कि कालाहांडी का है। इस इलाके में विकास, आधुनिकता और लोकतंत्र कहीं भी नजर नहीं आता।

मध्य प्रदेश का बुंदेलखंड सूखे से जूझ रहा है। इस इलाके का हाल जानने यादव गुरुवार को टीकमगढ़ जिले पहुंचे। उन्होंने मस्तापुर और कोड़िया का भ्रमण कर गांव वालों से खुलकर चर्चा की और उनका दर्द जाना।

यादव ने आईएएनएस से दूरभाष पर कहा कि जब वह मध्य प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड के लिए निकले थे तो उन्हें लगता था कि यहां की स्थिति उत्तर प्रदेश के हिस्से वाले बुंदेलखंड से कुछ बेहतर होगी, मगर यहां के दो गांव देखने पर उन्हें स्थिति संभावना के विपरीत लगी। यहां के हालात उत्तर प्रदेश से भी कई मामलों में बदतर हैं।

यादव ने कहा कि वह जब कोड़िया गांव के सहरिया आदिवासी टोला में पहुंचे, तो उन्हें वहां का नजारा कालाहांडी जैसा लगा। कालाहांडी में पहुंचकर लगता है कि देश आजाद ही नहीं हुआ है, ठीक यही हाल कोड़िया गांव के आदिवासी टोला गांव का है। यहां लगता है जैसे विकास, आधुनिकता और लोकतंत्र ने अभी प्रवेश ही नहीं किया है।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यहां रबी की बुआई हो नहीं पाई है, आमतौर पर इस समय हर खेत हरा-भरा होता है, मगर यहां खेतों में हरियाली न के बराबर है, रोजगार के लिए लोग पलायन कर रहे हैं, पीने के पानी का भी संकट है।

उन्होंने कहा, “सरकार को यहां आपातकालीन कदम उठाने चाहिए, मगर ऐसा हो नहीं रहा है। कई परिवारों के पास तो राशन कार्ड ही नहीं है। मुझे लगता था कि मध्य प्रदेश में खाद्य सुरक्षा कानून लागू है, लिहाजा लोगों की स्थिति बेहतर होगी, मगर ऐसा नहीं है।”

यादव ने कहा कि देश में सूखे का केंद्र मराठवाड़ा नहीं, बल्कि बुंदेलखंड है, जहां लोगों को समस्याओं से दो-चार होना पड़ रहा है। सूखा से जूझते लोगों को रोजगार देने के लिए ही मनरेगा योजना बनाई गई है, मगर उसका लाभ भी लोगों को नहीं मिल पा रहा है। कई परिवारों के जॉब कार्ड काफी समय से खाली हैं, आशय साफ है कि उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है। बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस बार पलायन का प्रतिशत पिछले वर्षो से ज्यादा है, और ज्यादातर लोग इंदौर जा रहे हैं। इसके चलते वहां भी मजदूरों की संख्या ज्यादा होने पर कम मजदूरी मिल रही है, यही कारण है कि कई मजदूर परिवार वापस अपने गांव को लौट आए हैं।

गांव वालों से चर्चा का ब्योरा देते हुए यादव ने बताया कि जब उन्होंने महिलाओं से पूछा कि दाल के क्या हाल हैं, तो महिलाएं अचरज में पड़ गईं, और मस्कुराकर बताने लगी कि कई माह से उनके घर में दाल नहीं बनी है।

किसी ने बताया कि सावन के माह में और दिवाली के मौके पर किसी रिश्तेदार के यहां से दाल आ गई थी, इसलिए बनी थी। खरीदने की तो उनकी हैसियत ही नहीं है, क्योंकि दाल का दाम 200 किलो तक पहुंच गया था। बच्चों को जरूर मध्याह्न् भोजन में थोड़ी दाल मिल जाती है।

केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा अपने शासित राज्यों में मध्य प्रदेश को एक ‘आदर्श राज्य’ के रूप में प्रचारित कर रही है। यह बात छेड़ने पर यादव ने कहा कि उन्हें टीकमगढ़ जिले के दो गांव घूमकर तो कम से कम ऐसा नहीं लगा कि वे आदर्श राज्य के गांव हैं।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड का पिछले दिनों उन्होंने सर्वेक्षण किया था तो वहां की स्थिति उभरकर सामने आई थी, मगर मध्य प्रदेश के हालात तो उससे भी बुरे नजर आ रहे हैं। इसलिए जरूरी है कि राज्य सरकार आपातकालीन व्यवस्थाएं करे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हालत और भी भयावह हो सकती है।

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हेयर ड्रायर चालू करते ही ब्लास्ट, महिला का दोनों हाथ बुरी तरह घायल

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बागलकोट। कर्नाटक के बागलकोट जिले से एक हैरान करने वाली घटना सामने आई है, जहां एक हेयर ड्रायर के धमाके में एक महिला के हाथों की हथेलियां और उंगलियां बुरी तरह से घायल हो गईं। यह हादसा इल्कल शहर में हुआ, जहां मृतक सैनिक की पत्नी ने अपने पड़ोसी का कूरियर पार्सल लिया था। जब महिला ने हेयर ड्रायर को चालू किया, तो वह धमाके से फट गया और महिला की दोनों हाथों की गंभीर चोटें आईं। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों को मजबूरी में उसके हाथ काटने पड़े।

हेयर ड्रायर में धमका, महिला की उड़ी उंगलियां

बता दें कि इस घटना के बाद महिला को इलाज के लिए स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना 15 नवंबर की है, जिसकी जानकारी बुधवार को सामने आई। पुलिस सूत्रों ने कहा कि घायल महिला की पहचान 37 वर्षीय बसवराजेश्वरी यरनाल के रूप में हुई है, जो पूर्व सैन्यकर्मी पापन्ना यरनाल की पत्नी थी। जिनकी 2017 में जम्मू और कश्मीर में मौत हो गई थी। जांच अधिकारियों के मुताबिक, विस्फोट बिजली के शॉर्ट सर्किट के कारण हुआ था। हेयर ड्रायर जैसे उपकरणों का उपयोग करने के लिए 2 वॉट के विद्युत कनेक्शन की आवश्यकता होती है। जिस स्विच में हेयर ड्रायर को डाला गया, तो उसकी क्षमता इतनी अधिक नहीं थी, जिसके कारण यह दुर्घटना हुई। विस्फोट की आवाज सुनकर कुछ पड़ोसी दौड़े और उन्होंने बसवराजेश्वरी की हथेलियां और उंगलियां कटी हुई पाईं। उन्हें तुरंत पास के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया। हालांकि शशिकला ने दावा किया कि उन्होंने ऑनलाइन कोई उत्पाद नहीं मंगवाया था

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