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आध्यात्म

SHOCKING : अगर आपको सपने में दिखें ये चीजें तो कभी किसी को न बताएं वरना…….

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हर इंसान सोते समय सपने जरूर देखता हैं। वो सपने कभी अच्छे और कभी बुरे होते हैं। सपने में दिखे हुए हर चीज का कोई न कोई मतलब जरूर होता है, जो आने वाले समय में हमें पता चलता है।

ऐसा माना जाता है कि अच्छे सपने दूसरों को बताने पर इसका परिणाम उल्टा भी हो सकता है। आज हम आपको 3 ऐसे सपने के बारे में बताएंगे जिसके बारे में आपको कभी किसी से नही बताना चाहिए, तो आइये जानते हैं।

  1. सपने में यदि आपने सुंदर स्त्री की नाभि देखे हैं तो इसका जिक्र बिल्कुल भी किसी से न करें। शास्त्रों के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह लक्ष्मी का संकेत है और आपको अपार धन की प्राप्ति भी हो सकती है। इसलिए कभी भी इस सपने का जिक्र किसी से न करें।
  2. यदि आप अपने सपने में किसी की शादी होते देख रहे हैं तो यह काफी शुभ माना जाता है और इस तरह के सपने कभी किसी से शेयर नही करना चाहिए जब तक कि कोई शुभ समाचार न मिल जाये।
  3. सपने में यदि आपने सांप देखा है तो भूलकर भी इसका जिक्र किसी से न करें क्योंकि सपने में सांप का दिखना शुभ नही माना जाता और इसका जिक्र कर देने से परिणाम काफी बुरा हो सकता है।

ये 3 चीजें जिसे यदि आप सपने में देखते हैं तो कभी भी भूलकर भी किसी को न बताएं अन्यथा परिणाम काफी बुरा हो सकता है।

व्रत एवं त्यौहार

CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं

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मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।

छठ पूजा क्यों मनाते है ?

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.

छठ पर्व के 4 दिन

छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण

 

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