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आप के इन नेताओं पर भी है जांच की आंच, मंत्री पद मिलने की है चर्चा  

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नई दिल्ली। शराब नीति घोटाले में फंसे मनीष सिसोदिया और मनी लांड्रिंग मामले के आरोपी सत्येंद्र जैन इस समय जेल में हैं। उन्होंने दिल्ली की केजरीवाल सरकार में अपने-अपने मंत्री पदों से इस्तीफा दे दिया है।

मनीष सिसोदिया के पास वित्त मंत्रालय के साथ-साथ कुल 18 विभागों की जिम्मेदारी थी। अब इन विभागों को दिल्ली सरकार के दूसरे मंत्रियों में बांटे जाने की चर्चा है। इसमें दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल के सबसे करीबी माने जाते हैं।

वित्त विभाग सहित कई प्रमुख विभाग उन्हें सौंपे जा सकते हैं, लेकिन गहलोत पर पहले से ही कई मामले लंबित हैं। मनीष सिसोदिया के बाद कैलाश गहलोत पर भी सीबीआई जांच की आंच आ सकती है। उनके अलावा आप नेता राघव चड्ढा और दिल्ली डायलॉग कमीशन (DDC) के प्रमुख रहे जैस्मिन शाह भी जांच के घेरे में फंस सकते हैं।

कैलाश गहलोत पर किस मामले में जांच?

दरअसल, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन के बाद कैलाश गहलोत सरकार में सबसे वरिष्ठ और आलाकमान के भरोसेमंद माने जाते हैं। उनके पास इस समय दिल्ली परिवहन के साथ कई अन्य महत्त्वपूर्ण विभाग हैं, लेकिन कैलाश गहलोत पर पहले ही डीटीसी बसों की खरीद में घोटाले करने के आरोप हैं।

भाजपा ने आरोप लगाया था कि कैलाश गहलोत के परिवहन मंत्री रहते हुए दिल्ली सरकार ने एक हजार डीटीसी बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू की थी। भाजपा का आरोप है कि इन 1000 बसों की खरीद और इनके रखरखाव मामले में भ्रष्टाचार किया गया है।

LG वीके सक्सेना ने डीटीसी बसों की खरीद के मामले में हुए भ्रष्टाचार की जांच करने का मामला सीबीआई को सौंप दिया था। इस मामले की जांच जारी है। माना जा रहा है कि इस मामले में भी जल्दी ही रिपोर्ट अदालत में सौंपी जा सकती है। इसके बाद कैलाश गहलोत पर भी कार्रवाई हो सकती है।

राघव चड्ढा पर जांच की आंच क्यों?

राघव चड्ढा को अरविंद केजरीवाल का बेहद करीबी माना जाता है। उन्होंने पंजाब विधानसभा चुनाव में पार्टी का चुनाव प्रचार अभियान संभाला था और पार्टी को शानदार सफलता हासिल हुई थी।

इसके बाद उन्होंने गुजरात विधानसभा चुनाव में भी पार्टी का काम संभाला था और पार्टी वहां भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में सफल रही, लेकिन राघव चड्ढा के दिल्ली जल बोर्ड में प्रमुख पद पर रहते हुए जल बोर्ड में आपत्तिजनक हेरफेर करने के आरोप हैं। आरोप है कि पुरानी पाइपों को बदलकर नए करने के मामले में भी घोटाला किया गया था। चड्ढा इस मामले में कार्रवाई के घेरे में आ सकते हैं।

कहां फंसे हैं जैस्मिन शाह?

आम आदमी पार्टी के रणनीतिकारों में DDC के पूर्व चेयरमैन जैस्मिन शाह का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है लेकिन LG ने कमीशन की कार्यप्रणाली में गंभीर अनियमितता पाई थी और इसे असंवैधानिक संस्था करार दिया था। माना जा रहा है कि इस मामले में जैस्मिन शाह भी जांच के घेरे में आ सकते हैं।

भाजपा के लिए बेहद फायदेमंद

शराब घोटाले का मामला भाजपा के लिए राजनीतिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित हुआ है। उसने दिल्ली नगर निगम चुनाव के पूर्व इसी मुद्दे पर जोरदार प्रदर्शन कर जनता की नाराजगी कम करने की कोशिश की थी। उसे इसका लाभ भी मिला और पार्टी नगर निगम में 15 साल सत्ता में रहने के बाद भी 250 में से 104 सीटें जीतने में कामयाब रही।

भाजपा पहली बार आम आदमी पार्टी पर बढ़त बनाती हुई दिख रही है। यही कारण है कि भाजपा इस मोमेंटम को खोना नहीं चाहती और वह आम आदमी पार्टी सरकार के दूसरे मुद्दों को उछाल कर उस पर अपना दबाव बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

नेशनल

कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित बोले- आतिशी और संजय सिंह के खिलाफ करूंगा मानहानि का केस, मांगे 10 करोड़ रु

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नई दिल्ली। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित का बड़ा बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, उन्होंने कहा कि मैं आतिशी और संजय सिंह के खिलाफ क्रिमिनल और सिविल डिफेमेशन केस फाइल करने जा रहा हूं।

संदीप दीक्षित ने कहा कि 5-6 दिन पहले दिल्ली की सीएम आतिशी ने कहा कि मैं बीजेपी से बहुत बड़ी रकम ले रहा हूं…पिछले 10-12 सालों से वे कांग्रेस, मुझे और मेरे परिवार को निशाना बना रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरे पास पिछले 10-12 सालों से AAP से पूछने के लिए कई सवाल हैं…वे (अरविंद केजरीवाल) शीला दीक्षित सरकार के खिलाफ 360 पन्नों के सबूत लेकर घूमते थे।

कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा ने मुझे बताया कि सीएम बनने के बाद बीजेपी का एक प्रतिनिधिमंडल अरविंद केजरीवाल से मिला था और सबूत मांगा था। तब अरविंद केजरीवाल ने 360 अखबारों की कटिंग दिखाईं थी। वे पहले व्यक्ति हैं जिन्होंने सबूत के तौर पर अखबारों की कटिंग दी थी।

संदीप दीक्षित ने कहा कि जिस दिन सीएम आतिशी ने कहा कि हम बीजेपी से पैसे ले रहे हैं, उस दिन पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का निधन हो गया था। इसलिए हम प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं कर पाए। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद मैं सीएम आतिशी और संजय सिंह के खिलाफ आपराधिक और दीवानी मानहानि का केस करूंगा। उन्होंने कहा कि मैं उनसे 10 करोड़ रुपये मांगूंगा। मैं यमुना सफाई के लिए 5 करोड़ रुपये और दिल्ली में प्रदूषण की समस्या के लिए 5 करोड़ रुपये दान करूंगा।

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