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साधारण नहीं है किम की खुफिया ट्रेन, बुलेटप्रूफ-लेडी कंडक्टर्स का भी रहता इंतजाम

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नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन के बीजिंग दौरे की बात को पर्दे में रखने के बाद बुधवार को चीन ने घोषणा की कि किम जोंग बीजिंग में ही हैं और उन्होंने राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात भी की।

दरअसल चीन में एक स्पेशल हरे रंग की उत्तर कोरियाई ट्रेन के आगमन और बीजिंग में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी किए जाने के कारण मीडिया में कयास लगाए जा रहे थे कि किम बीजिंग में हैं, लेकिन चीन या उत्तर कोरिया दोनों में से किसी ने भी पहले इसका खुलासा नहीं किया। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने बुधवार सुबह इसका खुलासा किया।

किम जोंग-उन जिस 21 डिब्बों की ट्रेन से चीन यात्रा पर गया उसकी काफी चर्चा हो रही है। एक अमेरिकी अखबार ने दावा किया है कि यह बुलेटप्रूफ ट्रेन थी। जिसकी रफ्तार काफी धीमी थी और इसमें सफर करने वालों के लिए शराब, झींगा मछली और पोर्क का इंतजाम था। किम की इस ट्रेन में कांफ्रेंस रूम के अलावा ऑडियेंस चैंबर, बैडरूम, सैटेलाइट फोन, अलग से टीवी रूम की भी सुविधा मौजूद है।

कई खासियतों से लैस है ट्रेन
इस बख्तरबंद ट्रेन में 90 खास डिब्बे हैं, जिनसे 3 ट्रेनें चलती हैं। जब भी नेता यात्रा करते हैं तो एक एडवांस सिक्योरिटी ट्रेन होती है, एक ट्रेन में नेता खुद होते हैं और तीसरी ट्रेन में अतिरिक्त बॉडीगार्ड्स और अन्य साजोसामान होते हैं। बुलेटप्रूफ होने की वजह से ट्रेन का वजन बहुत ज्यादा है और यह अधिकतम 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ही चल सकती है। खास बात यह है कि उत्तर कोरिया में 20 ऐसे स्टेशन हैं जो तानाशाह के निजी इस्तेमाल के लिए बनाए गए हैं।

किम जोंग उन के पिता किम जोंग-इल भी ऐसी ही ट्रेन से सफर करते थे, जिसमें किम जोंग-इल के मनोरंजन के लिए कुछ महिलाएं भी होती थीं, जिन्हें ‘लेडी कंडक्टर्स’ के नाम से जाना जाता था। रूस के एक अफसर ने 2011 में किम जोंग-इल के साथ इस ट्रेन में सफर किया था। उन्होंने अपनी किताब में लिखा है कि इस ट्रेन में रशियन, चाइनीज, जैपनीज और फ्रेंच डिशेज का खाना मौजूद रहता था।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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