आध्यात्म
101 साल बाद इन राशियों पर बरसेगी कुबेर की कृपा, जानिए इस अद्भुत संयोग की खास बातें
आज के दौर में हर शख्स किसी न किसी समस्या से परेशान है। हर कोई चाहता है कि कहीं कोई जादू हो और अचानक ज़िन्दगी और किस्मत पूरी तरह बदल जाये। लोग चाहते है कि उन्हें ढेर सारा धन मिल जाये। एक तरह से लोग रातों रात अमीर हो जाने के सपने देखते हैं। खैर, आज हम आपको जो बताने जा रहे हैं वो काफी मायनों में महत्वपूर्ण इसलिए है क्योंकि यह आपकी किस्मत पूरी तरह बदल देगा।
दरअसल, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार एक ऐसा संयोग बन रहा है जिससे आप काफी सम्पन्न हो जाएंगे। जी ग्रहों की चाल से 101 साल बाद एक ऐसा सहयोग उत्पन्न हो रहा है जो काफी लाभकारी है। जी, ग्रहों के संयोग से कुछ विशेष राशियों पर कुबेर की कृपा बरसने वाली है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 100 साल बाद इन राशि के लोगों को अचानक धन लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। इन राशि के जातको को अपने कार्य में महत्तम सफलता मिलने वाली है। आप जितने भी कार्य करने जा रहे हैं। उन सभी कार्यों में सफलता मिलने के योग बन रहे हैं।
आपका प्रेमी आपको बेहद खुशियां प्रदान करेगा! अचानक धन लाभ की प्राप्ति के योग बन रहे हैं। इन राशि के लोगों को अत्यधिक आर्थिक लाभ की प्राप्ति होगी। लेकिन इसके साथ धन खर्च भी अधिक होगा! साथ में काम करने वाले लोगों के साथ खुशहाली का माहौल बना रहेगा जिन राशियों यह योग बन रहा है वो राशियां वृषभ, कर्क, मकर, सिंह, वृश्चिक, कुंभ राशि है।
व्रत एवं त्यौहार
CHHATH POOJA 2024 : जानें कब से शुरू होगी छठी मैया की पूजा, जानिए इसे क्यों मनाते हैं
मुंबई। त्रेतायुग में माता सीता और द्वापर युग में द्रौपदी ने भी रखा था छठ का व्रत रामायण की कहानी के अनुसार जब रावण का वध करके राम जी देवी सीता और लक्ष्मण जी के साथ अयोध्या वापस लौटे थे, तो माता सीता ने कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को व्रत रखकर कुल की सुख-शांति के लिए षष्ठी देवी और सूर्यदेव की आराधना की थी।
छठ पूजा क्यों मनाते है ?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्यदेव और छठी मैया की पूजा अर्चना और अर्घ्य देने से सुख-शांति, समृद्धि, संतान सुख और आरोग्य की प्राप्ति होती है। छठ पूजा को डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है। यह चार दिनों तक चलने वाला त्योहार है, जो मुख्य रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। छठ पर्व के दौरान प्रकृति के विभिन्न तत्वों जैसे जल, सूर्य, चंद्रमा आदि की पूजा की जाती है. यह प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है और हमें प्रकृति के संरक्षण का महत्व सिखाता है. छठ का व्रत बहुत कठिन होता है. व्रतधारी 36 घंटे तक बिना पानी पिए रहते हैं. साथ ही छठ पर्व सभी वर्गों और समुदायों के लोगों को एक साथ लाता है. इस पर्व के दौरान लोग मिलकर पूजा करते हैं, भोजन करते हैं और एक-दूसरे के साथ समय बिताते हैं. इससे सामाजिक एकता और भाईचारा बढ़ता है.
छठ पर्व के 4 दिन
छठ पूजा का पहला दिन, 5 नवंबर 2024- नहाय खाय.
छठ पूजा का दूसरा दिन, 6 नवंबर 2024- खरना.
छठ पूजा का तीसरा दिन, 7 नवंबर 2024-डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य.
छठ पूजा का चौथा दिन, 8 नवंबर 2024- उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का पारण
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