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अखबारों का कोई विकल्प नहीः अर्पणा यादव

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अखबारों का कोई विकल्प नही, अर्पणा यादव, मई दिवस समारोह, उपजा, मधुकर जेटली

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अखबारों का कोई विकल्प नही, अर्पणा यादव, मई दिवस समारोह, उपजा, मधुकर जेटली

UPJA lucknow function may day

पत्रकारों को नियमित पढना होगा

लखनऊ। स्थानीय कैसरबाग स्थित राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन सम्बद्ध नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (इण्डिया) तथा लखनऊ इकाई द्वारा मई दिवस (श्रमिक दिवस) समारोह परम्परागत् ढंग से उल्लासपूर्वक सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सोशल एक्टिविस्ट् तथा समाजवादी पार्टी की नेत्री अर्पणा यादव थीं तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजवादी पार्टी के सदस्य विधान परिषद मधुकर जेटली थे। आये हुए अतिथियों का स्वागत् सम्मान प्रतीक चिन्ह,प्रशस्ति पत्र देकर तथा शाल ओढाकर किया गया। इस मौके पर पत्रकारों एवं श्रम कानूनों की वर्तमान स्थिति पर विस्तार से प्रकाश डाला गया। दीर्घकालीन एवं सराहनीय सेवाओं के लिए पत्रकारों को सम्मानित भी किया गया, तथा पत्रकारों की समस्याओं का ज्ञापन सरकार को सौंपा गया।

वर्तमान में सारी समस्याओ का निदान समाजवाद से ही संभव

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अर्पणा यादव ने कहा कि वर्तमान में भले ही इलेक्ट्रानिक मीडिया एवं साइबर मीडिया की धूम हो किन्तु अखबार का कोई विकल्प नही। समाचार जानने की उत्सुकता एवं भूख समाचार पत्र पढकर ही मिटती है। उन्होंने पत्रकारों की समस्याओं को बडे गौर से सुना और कहा कि अखबार मालिकों को पत्रकारों को मजदूर नही इंसान समझना होगा और उनकी आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होगा। अर्पणा यादव ने बड़ी बेबाकी से कहा कि पत्रकारों को नियमित पढना होगा, मौजूदा समय में पत्रकारों ने पढना छोड दिया है। उन्होने पत्रकारों से अपील की कि देश दुनिया की खबरों से अपडेट होने के लिए पत्रकारों को पढना ही होगा,ऐसा करने से हमारा लोकतन्त्र मजबूत होगा। अर्पणा यादव ने लोहिया के चिंतन को विस्तार से चित्रित किया और कहा कि वर्तमान में सारी समस्याओ का निदान समाजवाद से ही संभव है।

दबावों में न आयें पत्रकार: मधुकर जेटली

अर्पणा यादव ने बताया कि मई दिवस की उनकी शुरूआत प्रातः4 बजे उठकर चारबाग स्थित समाचार पत्र स्टैंड पर पत्र वितरकों के साथ समय बिताने से हुई जहां उन्होंने अखबार की वितरण व्यवस्था की बारीकियों को समझा और पत्र वितरकों की समस्याओं से अवगत हुईं। पत्रकारों के बीच अर्पणा यादव ने कहा कि मैं आपके बीच नेता बनकर नही आयी, मैं आपकी बेटी हूं। मुझे आपका स्नेह और समर्थन चाहिए। उन्होने कहा कि मुझे समाजवादी पार्टी ने लखनऊ कैंट से 2017 में विधानसभा चुनाव के लिए अपना प्रत्याशी बनाया है यदि मैं यह चुनाव जीतती हूं तो मैं पत्रकारों एवं राजधानी की जनसमस्याओं के निदान में पीछे नही रहूंगी।

इससे पहले उपजा के महामंत्री रमेश चंद जैन ने पत्रकार सुरक्षा कानून बनाने की मांग को लेकर एनयूजे (आई) द्वारा संसद भवन पर धरना, प्रर्दशन व घेराव की विस्तार से चर्चा  की तथा सभी पत्रकारों को 20हजार रू0 प्रतिमाह पेशन दिये जाने तथा प्रेस तथा विज्ञापन मान्यता समिति के गठन सम्बन्धी मुख्यमंत्री को सम्बोधित दो ज्ञापन अर्पणा यादव को सौपें। इस पर अर्पणा यादव ने मुख्यमंत्री तथा सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई कराने का भरोसा जताया ।

उपजा द्वारा आयोजित मई दिवस समारोह में सम्मानित हुए पत्रकार

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि समाजवादी पार्टी के सदस्य विधान परिषद मधुकर जेटली ने मई दिवस की ऐतिहासिकता तथा प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि पत्रकार किसी के दबाव में आकर काम न करें। उन्होने अखबारों को उद्योगजगत के पिछलग्गू न बनने की सलाह दी और पत्रकारिता के मूल्यों की स्थापना पर बल दिया। उन्होने एक सच्ची घटना का जिक्र करते हुए कहा कि श्रीमती इंदिरा गांधी की हत्या के बाद हुए आम चुनावों में अमेठी में बूथ कब्जे की घटना की फोटो खीचने वाले फोटोग्राफर  और उस अखबार के संपादक पर सरकार के अनेकों  दबाव के बावजूद उस अखबार ने घटना को प्रकाशित किया और सरकार के सभी दबाव बेकार गए। जेटली ने ऐसी मिशन पत्रकारिता की वकालत की। इससे पहले पत्रकारिता में दीर्घकालीन एवं सराहनीय सेवाओं के लिए दादा पीके राय, भगवत शरण, गुरूदेव नारायण, अजय कुमार, वीरेन्द्र सक्सेना तथा सुरेन्द्र दुबे को प्रशस्ति पत्र देकर तथा शाल ओढाकर सम्मानित किया गया।

इस मौके पर दादा पीके राय ने उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन द्वारा अब तक प्राप्त उपलब्धियों का ब्यौरा विस्तार से बताया और शीघ्र ही राजधानी में उपजा स्वर्ण जयन्ती समारोह धूमधाम से मनाने का सकल्प लिया। वरिष्ठ पत्रकार अजय कुमार ने मई दिवस पर अखबारों में संपादक नाम की संस्था समाप्त होने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि पहले पत्रकार सिर्फ और सिर्फ किसी को जानता था तो वह संपादक था न कि मालिक, किन्तु आज संपादक की जगह मालिकों ने हथिया ली है। भाषा के ब्यूरो प्रमुख प्रमोद गोस्वामी ने अखबारों में ठेके प्रथा की बढती प्रवृत्ति, मजदूर संगठनों की बढती अप्रसंगिकता पर चिंता व्यक्त की तथा उन्होने मजदूर आन्दोलनों को मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया। पूर्व सूचना आयुक्त वीरेन्द्र सक्सेना ने मीडिया द्वारा सूचना के अधिकार कानून का उपयोग न करने पर आश्चर्य व्यक्त किया, उन्होने इस मौके पर सूचना के अधिकार कानून की बारीकियों एंव पेचदगियों से पत्रकारों को विस्तार से अवगत कराया।

मुख्य अतिथि तथा आये हुए मेहमानों तथा मंच पर उपस्थित गणमान्यों का परिचय लखनऊ इकाई के अध्यक्ष अरविन्द शुक्ला ने कराया, कार्यक्रम का संचालन प्रान्तीय महामंत्री रमेश चंद जैन ने किया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता तथा अतिथियों के प्रति आभार वरिष्ठ पत्रकार निर्भय सक्सेना ने व्यक्त किया।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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