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नेशनल

मक्का मस्जिद केस: फैसला सुनाने वाले जज ने कुछ ही घंटों में सौंप दिया इस्तीफा

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हैदराबाद। हैदराबाद की मक्का मस्जिद ब्लास्ट मामले में फैसला सुनाने के कुछ घंटों के भीतर ही स्पेशल एनआईए कोर्ट के जज रविंदर रेड्डी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वह इस्तीफा देने के बाद छुट्टी पर चले गए हैं।

फाइल फोटो

बता दें कि एनआईए की विशेष अदालत ने सोमवार को हैदराबाद में स्वामी असीमानंद व दक्षिणपंथी हिंदू शाखा के चार सदस्यों को मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में दोषमुक्त कर दिया। अदालत ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ लगाए गए कोई भी आरोप साबित नहीं हुए। प्रसिद्ध चारमीनार के पास मक्का मस्जिद में 18 मई, 2017 को जुमे की नमाज के दौरान हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गई थी। विस्फोट के बाद मस्जिद के बाहर जमा भीड़ पर गोलीबारी में पांच लोगों की मौत हो गई थी।

जज ने दिया इस्तीफा

जज रविंदर रेड्डी

एक वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी ने कहा कि जज रविंदर रेड्डी ने मेट्रोपोलिटन सत्र न्यायाधीश को अपना इस्तीफा सौंपा। रेड्डी ने अपने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया और कहा कि इसका आज के फैसले से कोई लेना देना नहीं है। अधिकारी ने बताया कि दरअसल वह काफी समय से इस्तीफा देने पर विचार कर रहे थे।

असीमानंद दो मामलों में बरी, समझौता मामले में सुनवाई जारी
करीब 70 साल के नबकुमार सरकार उर्फ स्वामी असीमानंद को एनआईए की एक अदालत ने सोमवार को 2007 के मक्का मस्जिद विस्फोट मामले में दोषमुक्त कर दिया। असीमानंद अब सिर्फ 2007 के समझौता एक्सप्रेस ट्रेन विस्फोट मामले में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। इससे पहले वह 2007 के अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में दोषमुक्त करार दिए गए थे। गुजरात निवासी और वनवासी कल्याण आश्रम के प्रमुख असीमानंद पूर्व में राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े थे।

नेशनल

साइबर ठगों ने किया डिजिटल अरेस्ट खाते से उड़ाए 10 करोड़ रुपये, दिल्ली के रोहिणी इलाके का मामला

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नई दिल्ली। दिल्ली के रोहिणी इलाके में 70 साल के रिटायर्ड इंजीनियर से साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर 10 करोड़ और 30 लाख रुपये अपने अकाउंट्स में ट्रांसफर करा लिए। बुजुर्ग की शिकायत पर दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर लिया है और 60 लाख रुपये की रकम को बैंक में फ्रीज करा दिया है।

पुलिस ने क्या बताया?

पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर को डिजिटल अरेस्ट कर के 10 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में जानकारी दी है। पुलिस के मुताबिक, पीड़ित रिटायर्ड इंजीनियर अपनी पत्नी के साथ में रोहिणी के सेक्टर 10 इलाके में रहते हैं। पुलिस ने रिटायर्ड इंजीनियर की शिकायत के आधार पर साइबर सेल में प्राथमिकी दर्ज कर लिया है।

60 लाख रुपये फ्रीज

दिल्ली पुलिस ने बताया है कि रोहिणी में हुए डिजिटल अरेस्ट यानी धन उगाही के लिए ऑनलाइन डराने-धमकाने के मामले में उन्हें 60 लाख रुपये फ्रीज करने में कामयाबी मिली है। एक पुलिस अधिकारी ने आशंका जताई है कि ये ठगी विदेश से कॉल करने वालों की ओर से अंजाम दी गई थी। लेकिन भारत में ठगों के सहयोगियों ने उन्हें लक्ष्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करने में मदद की है।

क्या है मामला ?

आरोप है कि ठगों ने बुजुर्ग को धमकाया और कहा कि तुम्हारे नाम पर ताइवान से एक पार्सल आया है, जिसके अंदर कई तरह की प्रतिबंधित किस्म की दवाइयां मिली है। इस वजह से तुम्हारे खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा और तुम्हें गिरफ्तार किया जाएगा। यह बात सुनकर बुजुर्ग घबरा गए।

आरोप है कि इसके बाद साइबर ठगों ने बुजुर्ग से कहा कि अगर तुम गिरफ्तारी से बचना चाहते हो तो सबसे पहले खुद को एक कमरे में बंद कर लो और अपने मोबाइल और लैपटॉप का कैमरा ऑन कर कर लो और जब तक तुम कैमरे के सामने रहोगे, तब तक तुम्हें गिरफ्तारी से बचाने की कोशिश की जाएगी। वरना, तुम्हारे परिवार के लोगों को भी अरेस्ट कर लिया जाएगा। बुजुर्ग ने साइबर ठगों की बात मान ली और वह करीब आठ घंटे तक कमरे में ही बैठे रहे।

 

 

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