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उत्तराखंड

जीजा ने ज़बरदस्ती साली को बनाया घरवाली, पहले अपहरण किया फिर रात भर करता रहा..

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देहरादून। हवस और दरिंदगी कई बार रिश्तों पर हावी हो जाती है। इतना हावी कि इंसान दुष्कर्म और हत्या जैसे संगीन अपराध तक कर बैठता है। ऐसा ही रिश्तों को शर्मसार करने वाला एक नया मामला सामने आया है। मामला है उत्तरकाशी का, यहाँ एक जीजा ने अपनी साली का अपहरण किया और रात भर उसके साथ दुष्कर्म किया।

पुलिस के मुताबिक डुंडा तहसील के कुंसी गांव निवासी मनीष लाल मंगलवार को अपनी 16 वर्षीय नाबालिग साली को बहला-फुसालकर जिला मुख्यालय के पास एक खंडहर में ले गया। जहां उसने रातभर अपनी नाबालिग साली के साथ दुष्कर्म को अंजाम दिया और सुबह उसको घर छोड़ कर भाग गया। घर पहुंची पीड़ित नाबालिग ने जब अपनी आपबीती अपने परिजनों को सुनाई तो उनके होश फाख्ता हो गए। परिजनों ने गुरुवार को कोतवाली पहुंचकर आरोपी मनीष लाल के खिलाफ तहरीर दी है।

पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पोक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर लिया है। पुलिस का कहना है कि आरोपी और उसकी पत्नी घर से फरार चल रहे हैं, जिनकी तलाश जारी है।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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