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खुशखबरी : फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न का रिकॉर्ड उत्पादन

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इस बार भारत कि जनता और सरकार के लिए खुशखबरी। इस वर्ष के तीसरे अग्रिम अनुमान में बताया गया है कि फसल वर्ष 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन रिकॉर्ड 27.95 करोड़ टन रहेगा।

फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) में खाद्यान्नों का उत्पादन रिकॉर्ड 27.95 करोड़ टन होने का अनुमान है। गेहूं, चावल और मक्का के अलावा चना व उड़द समेत दलहनों का कुल उत्पादन भी इस साल रिकॉर्ड रहने का अनुमान जारी किया गया है।

केंद्रीय कृषि, सहयोग एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से बुधवार को फसल वर्ष 2017-18 (जुलाई-जून) के लिए जारी तीसरे अग्रिम उत्पादन अनुमान के मुताबिक, चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 11.15 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि देश में इस साल गेहूं का उत्पादन 9.86 करोड़ टन रहने का अनुमान है। पोषक/मोटे अनाज का उत्पादन भी रिकॉर्ड 448.7 लाख टन होने का अनुमान है। मक्का का उत्पादन 268.8 लाख टन है। दलहनों का उत्पादन 245.1 लाख टन है, जिसमें चना 111.6 लाख टन, अरहर 41.8 लाख टन, उड़द 32.8 लाख टन है।

तिलहनों का कुल उत्पादन 306.4 लाख टन होने का अनुमान है, जिसमें सोयाबीन 109.3 लाख टन, मूंगफली 89.4 लाख टन, तोरिया व सरसों 80.4 लाख टन, अरंडी 14.9 लाख टन होने का आकलन किया गया है।

इस साल कपास का उत्पादन 348.6 लाख गांठ (170 किलो प्रति गांठ) होने का अनुमान है।

केंद्रीय कृषि मंत्रालय के मुताबिक, इस साल देश में गन्ना उत्पादन 35.51 करोड़ टन होने का अनुमान है। मंत्रालय के मुताबिक, साल 2017 के दौरान मानसून सामान्य रहने और सरकार की ओर से नीतिगत पहलों के फलस्वरूप चालू वर्ष के दौरान खाद्यान्नों का रिकॉर्ड उत्पादन होने का अनुमान है। इनपुट आईएएनएस

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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