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अन्तर्राष्ट्रीय

कोरोना पर शोध में हुआ बड़ा खुलासा, चमगादड़ नहीं इस जानवर से इंसानों में फैला वायरस!

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस पूरी दुनिया में तेजी से लोगों को अपना शिकार बना रहा है। इस जानलेवा वायरस से अब तक लाखों लोगों की जान जा चुकी है।

इस बीच वैज्ञानिक लगातार इस नए वायरस पर शोध कर रहे हैं। अब ताजा शोध में एक नई बात निकलकर सामने आई है। अब तक की गई रिसर्च में यह तो साफ हो चुका है कि कोरोना वायरस चमगादड़ों में पाया जाता है।

लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि यह इंसानों तक पहुंचा कैसा। नई स्टडी के मुताबिक कोरोना वायरस पहले चमगादड़ो से कुते में आया फिर इंसानों में।

कोरोना वायरस कोविड-19 यानी SARS-CoV-2 से पहले भी दो और कोरोना वायरस ने इंसानों को अपना शिकार बनाया था। ये थे SARS-CoV और MERS-CoV. ये वायरस भी चमगादड़ों से निकलकर किसी अन्य जानवरों से होते हुए इंसानों में पहुंचे थे।

कनाडा के ओटावा यूनिवर्सिटी में बायोलॉजी प्रोफेसर जुहुआ जिया की रिसर्च के मुताबिक कोरोना वायरस चमगादड़ से पहले कुत्ते में आया फिर इंसानों को अपना शिकार बनाना शुरू किया।

14 अप्रैल को उनकी एनालिसिस मॉलीक्यूलर बायोलॉजी एंड एवोल्यूशन में प्रकाशित हुई। जिया ने अपने विश्लेषण में बताया है कि इंसानों के शरीर में एक प्रोटीन होता है जिसे जिंक फिंगर एंटीवायरल प्रोटीन जैप (ZAP) कहते हैं।

जैप जैसे ही कोरोना वायरस के जेनेटिक कोड साइट CpG को देखता है। उसपर हमला करता है। यहीं पर वायरस अपना काम शुरू करता है और वह इंसान के शरीर में मौजूद कमजोर कोशिकाओं को खोजता है।

जिया ने जेनेटिक कोड साइट CpG, ZAP समेत कई जेनेटिकल मॉलीक्यूल्स का अध्ययन किया है. उसी के आधार पर उन्होंने बताया है कि कुत्तों में जैप कमजोर होता है। वह कोरोना वायरस के सीपीजी साइट से लड़ नहीं सकता। कुत्ते की आंतों में यह वायरस अपना घर बना लेता है।

कुत्ते के जरिए फिर यह इंसानों में पहुंच जाता है। जैसा कि आपको पता है कि चीन में कुत्ते जैसे कई तरह के जानवर खाए जाते हैं। लेकिन, जिया की इस थ्योरी से कई वैज्ञानिक सहमत नहीं है।

सैन फ्रांसिस्को स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर लिउनी पेनिंग्स कहते हैं यह थ्योरी और जेनेटिक डेटा एकदूसरे को सपोर्ट नहीं करते। मैं इसे नहीं मानता।

अन्तर्राष्ट्रीय

लाहौर में प्रदूषण ने तोड़े सारे रिकार्ड, 1900 तक पहुंचा AQI, स्कूल बंद

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नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान में प्रदूषण ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। पाकिस्तान के लाहौर शहर का AQI 1900 पहुंच गया है जो शहर में अब तक का सबसे ज्यादा एक्यूआई है। प्रांतीय सरकार और स्विस समूह IQAir द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को पाकिस्तान-भारत सीमा के पास अब तक का सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। इसी के साथ लाहौर रविवार को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की रियल टाइम सूची में पहले नंबर पर पहुंच गया।

बढ़ते वायु प्रदूषण को देखते हुए लाहौर में आपातकाल जैसा माहौल है। वायु की खतरनाक गुणवत्ता को देखते हुए लाहौर प्रशासन ने वर्क फ्रॉम होम करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही विभिन्न शहरों में प्राथमिक विद्यालयों को बंद करने की घोषणा की गई है। वहीं पंजाब की वरिष्ठ मंत्री मरियम औरंगजेब ने कहा है कि, सरकार ने माता-पिता को यह सुनिश्चित करने की सलाह देते हुए प्राथमिक विद्यालयों को एक सप्ताह के लिए बंद कर दिया है कि बच्चे मास्क पहनें, क्योंकि शहर में धुंध की मोटी चादर छाई हुई है। उन्होंने कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए 50 प्रतिशत कार्यालय कर्मचारी घर से काम करेंगे।

मरियम औरंगजेब ने आगे कहा है कि पिछले एक सप्ताह से भारत से हवा की दिशा लाहौर की ओर हो गई है और इस वजह से धुंध बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह की हवाएं अमृतसर और चंडीगढ़ से आ रही हैं और इस वजह से लाहौर में AQI लगातार बिगड़ता जा रहा है।
मरियम ने कहा है कि अगर हालत और खराब हुए तो शहर में उद्योगों को बंद कर दिया जाएगा। यहां तक कि पराली जलाने वाले किसानों को गिरफ्तार किया जाएगा। कुछ इसी तरह की कार्रवाई भारत की हरियाणा और पंजाब सरकार भी कर रही है, जहां पराली जलाने को लेकर बड़ी संख्या में किसानों पर मुकदमे दर्ज हुए हैं।

 

 

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