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अन्तर्राष्ट्रीय

न्यूजीलैंड में कोरोना का कहर जारी, 205 नए मामले आए सामने

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नई दिल्ली। न्यूजीलैंड में सोमवार को कोरोना डेल्टा वेरिएंट के 205 नए मामले सामने आए, जिससे देशभर में कोरोना संक्रमण की संख्या बढ़कर 10,176 हो गई। ये आंकड़े स्वास्थ्य मंत्रालय ने साझा किए हैं।मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, नए संक्रमणों में से सबसे बड़े शहर ऑकलैंड में 175, पास के वाइकाटो में 20, नॉर्थलैंड में 4, बे ऑफ प्लेंटी में 5 और लेक डिस्ट्रिक्ट हेल्थ बोर्ड क्षेत्र में से एक मामला सामना आया है।

देश में बीते 24 घंटे में ऑकलैंड के मिडिलमोर अस्पताल में एक संक्रमित की मौत हो गई है जिससे कुल मौतों का आंकड़ा बढ़कर 40 हो गया है। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि सोमवार को अस्पतालों में कुल 85 संक्रमित मामलों का इलाज किया जा रहा है, जिनमें 6 गहन देखभाल इकाइयों या उच्च निर्भरता इकाइयों में भर्ती हैं।

अब तक न्यूजीलैंड में 91 प्रतिशत पात्र लोगों ने अपनी पहली खुराक प्राप्त की है और 83 प्रतिशत लोगों को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। न्यूजीलैंड ने 17 नवंबर को बड़े आयोजनों में भाग लेने या कुछ सार्वजनिक सुविधाओं में प्रवेश करने से पहले पूरी तरह से टीकाकरण वाले लोगों के लिए माई वैक्सीन पास लॉन्च किया।

माई वैक्सीन पास किसी व्यक्ति के कोरोना टीकाकरण की स्थिति का आधिकारिक रिकॉर्ड है और न्यूजीलैंड के उन स्थानों तक पहुंच प्रदान करेगा जहां नए सुरक्षा ढांचे के तहत टीकाकरण के प्रमाण की आवश्यकता है। सोमवार की सुबह तक, माई वैक्सीन पास के लिए अनुरोध करने वाले लगभग 11.3 लाख को संसाधित किया जा चुका था।

अन्तर्राष्ट्रीय

इस देश में नहीं मिलेगा किसी को मृत्युदंड, जानें क्या है वजह

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नई दिल्ली। दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपराधियों को मौत की सजा देने को लेकर बहस का दौर जारी है। एक ओर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृत्युदंड की सजा को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की बात कही है। तो वहीं, अब एक ऐसा देश सामने आया है जिसने अपने यहां मौत की सजा के प्रावधान को खत्म ही कर दिया है। यानी कि अब इस देश में किसी भी शख्स को मृत्युदंड नहीं मिलेगा। आपको बता दें किमौत की सजा खत्म करने वाले इस देश का नाम जिम्बाब्वे है।

कानून को राष्ट्रपति से मिली मंजूरी

अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में मृत्युदंड की सजा के प्रावधान को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनंगाग्वा ने इस सप्ताह मृत्युदंड को खत्म करने के कानून के प्रावधान को मंजूरी दे दी है। जिम्बाब्वे में आखिरी बार किसी कैदी को लगभग दो दशक पहले मौत की सजा दी गई थी। इस कारण से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा था कि जिम्बाब्वे मौत की सजा खत्म करने का कदम उठा सकता है।कभी

राष्ट्रपति एमर्सन को भी सुनाई गई थी मौत की सजा

आपको एक खास बात बता दें कि जिम्बाब्वे के वर्तमान राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा को भी कभी फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिम्बाब्वे के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान साल 1960 के दशक में उन्हें ये सजा दी गई थी। एमर्सन मनांगाग्वा का जन्म साल 1942 में हुआ था। उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया था जिस कारण उन्हें दस साल जेल में भी रहना पड़ा था। वर्तमान में वह 2017 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं।

जिम्बाब्वे में ऐसे कितने कैदी हैं?

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1960 के दशक में मनंगाग्वा को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिम्बाब्वे में करीब 60 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि, अब इस नए कानून के आने के बाद सभी की सजा को माफ कर दिया जाएगा। बता दें कि जिम्बाब्वे में अंतिम बार किसी को साल 2005 में मौत की सजा दी गई थी।

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