Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

पौड़ी (सुमाड़ी) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का कैंपस बनने का सपना साकार, सीएम त्रिवेंद्र ने जताया आभार

Published

on

NIT Rourkela Main Building (symbolic)

Loading

उत्तराखंड के पौड़ी (सुमाड़ी) में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) का कैंपस बनने का सपना साकार हो गया है। केंद्र सरकार की तरफ से कैंपस निर्माण के लिए रुपए 909.85 करोड़ की राशि स्वीकृत कर दी गई है।

इस बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ने लिखा – मुझे आपसे यह बात साझा करते हुए अत्यंत हर्ष है कि सुमाड़ी, उत्तराखंड में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) के नए परिसर के निर्माण हेतु 909.85 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। हम सुमाड़ी के एनआईटी को देश का उत्कृष्ट संस्थान बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

https://aajkikhabar.com/340014/sushant-sushantsinghrajput-bollywood-google-entertainmentnews/

साथ ही उनके इस ट्विट को साझा करते हुए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने लिखा – पौड़ी के सुमाड़ी में NIT का स्थाई कैंपस का सपना अब साकार होने जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा कैंपस निर्माण के लिए रु. 909.85 करोड़ की स्वीकृति दी गई है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व HRD मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।

#NIT #education #Uttarakhand #Nishank #Trivendrasinghrawat

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending