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ऑफ़बीट

आपका AC सिर्फ आपका नहीं, मोदी जी का भी है, क्योंकि अब से वही कंट्रोल करेंगे तापमान, नहीं समझे? खबर पढ़ो

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नई दिल्ली। अब मोदी सरकार आपके घर का एसी भी कंट्रोल करेगी। अब आप घर में बैठकर आराम से 16 और 18 डिग्री के तापमान पर एसी नहीं चला सकेंगे। ऊर्जा मंत्रालय भविष्य में एसी के लिये तापमान का सामान्य स्तर 24 डिग्री तय कर सकता है। मंत्रालय इस फैसले से न सिर्फ बिजली की बजत होगी बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने शुक्रवार को बताया कि इससे देश भर में सालाना 20 अरब यूनिट बिजली की बचत होगी। उन्होंने कहा कि एसी में तापमान ऊंचा करने से बिजली की खपत में छह फीसदी की कमी आती है।

एसी बनाने वाली प्रमुख कंपनियों एवं उनके संगठनों के साथ बैठक में आरके सिंह ने कहा, “शरीर का सामान्य तापमान 36 से 37 डिग्री सेल्सियस है लेकिन वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, होटल तथा दफ्तरों में तापमान 18 से 21 डिग्री रखा जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।

उन्होंने कहा कि इस तापमान में लोगों को गर्म कपड़े पहनने पड़ते हैं या कंबल का उपयोग करना होता है। यह वास्तव में ऊर्जा की बर्बादी है। इसको देखते हुए जापान जैसे कुछ देशों में तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रखने के लिए नियमन बनाए गए हैं।” ऐसे में ऊर्जा मंत्रालय के मार्गदर्शन में ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) ने एक अध्ययन किया और इसके बाद यह सि‍फरि‍श की गई है कि‍ एसी के तापमान को 24 डि‍ग्री सेल्‍सि‍यस पर डि‍फॉल्‍ट सेट कर दि‍या जाए।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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