उत्तर प्रदेश
अब 3डी मेटावर्स पर भी दिखेंगी लखनऊ-प्रयागराज की गलियां, प्रदेश के 100 स्थलों का ऑडियो टूर भी होगा संभव
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को पर्यटन के लिहाज से देश के ‘मोस्ट फेवर्ड डेस्टिनेशन’ के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही योगी सरकार अब आभासी दुनिया के जरिए भी पर्यटकों को प्रदेश के विभिन्न स्थलों का टूर कराने की दिशा में कार्य कर रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, 3डी मेटावर्स प्लैटफॉर्म पर लखनऊ व प्रयागराज के 1500 लैंडमार्क्स का 360 पैनोरमिक डाटा संकलित किया जाएगा। इसके बाद इन सभी जानकारियों को तथा जियो रेफरेंस मैप्स को मेटावर्स इंटीग्रेटेड सिस्टम से जोड़ा जाएगा और 3डी इनेबल्ड वेब व मोबाइल ऐप का निर्माण किया जाएगा। यह प्लैटफॉर्म पर्यटकों को वर्चुअल टूर उपलब्ध कराने का माध्यम बनेगा। इसी प्रकार, क्यूआर कोड बेस्ड ऑडियो टूर के पोर्टल का भी विकास किया जाएगा जिसके जरिए प्रदेश के 100 स्थलों के ऑडियो टूर का लाभ भी लोग ले सकेंगे। इन दोनों ही परियोजनाओं को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा पूरा किया जाएगा और इन दोनों ही प्रक्रियाओं को लेकर कार्य शुरू हो गया है।
प्रमुख ऐतिहासिक,पर्यटक स्थलों व बाजार का हो सकेगा वर्चुअल टूर
एक यादगार पर्यटन अनुभव में एक पर्यटक की यात्रा में कई मुख्य प्वॉइंट्स होते हैं। ऐसे में, परियोजना के अंतर्गत उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग द्वारा एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन के माध्यम से भू-संदर्भित मानचित्रों पर रुचि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थलों/रुचि के बिंदुओं के 3डी मेटावर्स और 360-डिग्री पैनोरमिक दृश्यों को एकीकृत करके फीचर समृद्ध वेब और मोबाइल एप्लिकेशन विकसित किया जाएगा। एजेंसी लगभग 1500 स्थलों के लिए डेटा संग्रह के लिए सर्वेक्षण करेगी इन सभी स्थलों का 360 पैनोरमिक डेटा एकत्र कर उसका डेटाबेस बनाएगी। इसके बाद, दोनों शहरों में वेब व मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से 3डी मेटावर्स टूरिंग एक्सपीरिएंस उपलब्ध कराया जाएगा।
इस प्रक्रिया को पूरा करने के लखनऊ और प्रयागराज में विस्तृत सर्वे प्रक्रिया भी पूरी की जाएगी। लखनऊ के प्रमुख ऐतिहासिक व पर्यटक स्थलों, बाजार, चिकनकारी के प्रमुख हब समेत प्रयागराज के विभिन्न पौराणिक व ऐतिहासिक स्थलों, बाजारों, महाकुंभ में स्नान के लिए विभिन्न घाटों, मंदिरों तथा आधात्यमिक केंद्रों को इस परियोजना से जोड़ा जाएगा।
ऑडियो टूर पोर्टल के जरिए प्रदेश के 100 प्रमुख स्थलों पर उपलब्ध होगी सुविधा
उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग क्यूआर कोड इनेबल्ड ऑडियो टूर पोर्टल का भी विकास करने जा रही है जिसमें प्रदेश के 100 प्रमुख स्थलों पर ऑडियो टूर की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी। इस क्रम में प्रयागराज के पब्लिक लाइब्रेरी, इलाहाबाद म्यूजियम, चंद्रशेखर आजाद पार्क, हनुमान मंदिर समेत 19 स्थलों को इस प्रक्रिया से जोड़ा जाएगा। इसी प्रकार, अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि व हनुमानगढ़ी समेत 8 स्थानों, वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर समेत 8 स्थलों, श्रावस्ती के अंगुलीमाल स्तूप समेत छह स्थलों, कपिलवस्तु के स्तूप, कुशीनगर के महापरिनिर्वाण मंदिर समेत 4 स्थल, लखनऊ के बड़ा इमामबाड़ा समेत कुल 13 स्थलों पर भी यह सुविधा उपलब्ध होगी।
वहीं, आगरा के ताज महल समेत छह स्थल, मथुरा के बरसाना स्थित श्री राधारानी समेत 10 स्थल, वृंदावन के प्रेम मंदिर समेत 8 स्थल, माता विंध्यवासिनी मंदिर समेत 3 स्थल, चित्रकूट के रामघाट समेत 3 स्थल, नैमिषारण्य के चक्रतीर्थ समेत दो स्थल, बलरामपुर के देवीपाटन मंदिर, झांसी का बरुआ सागर किला, हापुड़ का गढ़ मुक्तेश्वर व सहारनपुर के शाकंभरी देवी के मंदिर को भी इस सुविधा से लैस किया जाएगा। प्रक्रिया को पूरा करने के लिए इन सभी स्थलों पर विचरण करने के सजीव चित्रण को प्रस्तुत करने वाले कॉन्टेंट को डेवलप किया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ को फायर फ्री जोन बनाने की योजना
प्रयागराज। महाकुंभ 2025 को श्रद्धालुओं के लिए हर तरह से सुरक्षित किए जाने को लेकर योगी सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं। महाकुंभ के दौरान आग की घटनाओं पर काबू पाने के लिए मैनपावर और स्पेशल फायर व्हीकल्स की संख्या में भारी वृद्धि की गई है। वहीं, अत्याधुनिक डिवाइसेज को भी तैनात किए जाने की योजना है। प्रत्येक सेक्टर में दमकल कर्मियों की ड्यूटी लगाई जा रही है। आग की घटनाओं की मॉनीटरिंग के लिए एआई से लैस फायर डिटेक्शन कैमरों को इंस्टॉल किया गया है। वहीं, रिस्पॉन्स टाइम को भी महज 2 मिनट का रखा गया है, ताकि किसी तरह की घटना पर मिनटों में काबू पाया जा सके। सरकार का पूरा प्रयास यही है कि इस बार का महाकुंभ पूरी तरह जीरो फायर इंसिडेंट के रूप में संपन्न हो और अग्निशमन विभाग की ओर से इसी दिशा में काम किया जा रहा है।
अखाड़ों में भी लगेंगे 5 हजार एक्सटींगुशर
प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी और महाकुंभ के नोडल अधिकारी प्रमोद शर्मा ने बताया कि इस बार महाकुंभ को जीरो फायर इंसिडेंट बनाने का पूरा प्रयास होगा। इसके लिए व्यापक तैयारी की गई है। इसके लिए एडवांस रेस्क्यू टेंडर तैनात किए जा रहे हैं। 200 स्पेशल ट्रेन्ड रेस्क्यू ग्रुप को तैनात किया जा रहा है। वहीं, अखाड़ों में आग की घटनाओं को काबू करने के लिए 5000 स्पेशल फायर एक्स्टींगुशर प्रदान किए जा रहे हैं। यही नहीं, मेले में बड़ी संख्या में एआई लाइसेंस वाले फायर डिटेक्शन कैमरों को भी इंस्टॉल किया जा रहा है। ये कैमरे भी पहली बार उपयोग में लाए जा रहे हैं जो आग की घटनाओं पर नजर रखेंगे और यदि कहीं इस तरह की घटना होती है तो तत्काल कंट्रोल रूम के माध्यम से चंद सेकेंड्स में फायर स्टेशन को सूचना मिल सकेगी। सूचना मिलते ही दो मिनट के अंदर दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर पहुंचेंगी और आग पर काबू पाने का प्रयास करेंगी।
हर सेक्टर में तैनात होंगे दमकलकर्मी
उन्होंने बताया कि 2019 कुंभ की तुलना में इस बार अधिक मैनपावर और अधिक व्हीकल्स को डेप्लॉय किया जा रहा है। 2019 में जहां 43 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए गए थे, वहीं 2025 महाकुंभ में 50 टेंपरेरी फायर स्टेशन बनाए जा रहे हैं। इसी तरह 2019 के 15 टेंपरेरी फायर पोस्ट की जगह इस बार 20 टेंपरेरी फायर पोस्ट बनाई जा रही हैं। 43 फायर वॉच टॉवर की तुलना में इस बार 50 फायर वॉच टॉवर होंगे, जबकि 4200 की जगह 7000 से अधिक फायर हाइड्रेंट्स लगाए जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 75 की जगह इस बार 150 से ज्यादा फायर रिजर्व वाटर टैंक्स को उपयोग किया जाएगा। मैनपावर की बात करें तो 2019 में 1551 कर्मियों को यहां डेप्लॉय किया गया था, जबकि इस बार यह संख्या बढ़कर 2071 कर दी गई है। इसी तरह 2019 में कुल 166 व्हीकल्स का डेप्लॉयमेंट था तो इस बार यह संख्या लगभग दोगुनी बढ़कर 351 हो गई है।
अत्याधुनिक उपकरणों का होगा उपयोग
2013 में कुल 612 फायर इंसिडेंट हुए थे, जहां 6 लोगों की जान गई थी और 15 बर्न इंजरीज हुई थीं तो वहीं 2019 में योगी सरकार ने कुंभ के दौरान चाक चौबंद प्रबंध किए जिससे पूरे कुंभ के दौरान 55 फायर इंसिडेंट्स के बावजूद न ही कोई बर्न इंजरी हुई और न ही किसी की जान गई। इससे भी आगे बढ़कर 2025 महाकुंभ में योगी सरकार अधिक मैनपावर, अधिक गाड़ियां और अधिक सतर्कता बरतते हुए फायर इंसिडेंट्स की संख्या को भी जीरो करने का प्रयास कर रही है। इसके लिए अत्याधुनिक डिवाइसेज इस्तेमाल किए जा रहे हैं। कई ऐसे डिवाइसेज भी हैं जो पहली बार यहां उपयोग में लाए जाएंगे। इसके साथ ही, महाकुंभ में तैनात सभी दमकल कर्मियों की स्पेशल ट्रेनिंग भी कराई गई है। सभी कोर ग्रुप्स के प्रैक्टिकल सेशन की भी व्यवस्था की गई है। एक्सटर्नल आडिट के लिए उत्तराखंड फायर एंड इमरजेंसी सर्विस के साथ एमओयू किया गया है। वहीं नेशनल फायर सर्विस कॉलेज नागपुर के साथ भी एमओयू किया गया है।
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