उत्तर प्रदेश
अब आधुनिक सोलर बेस्ड ड्रिंकिंग वॉटर कियोस्क युक्त होगा उत्तर प्रदेश
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार प्रदेश को सौर ऊर्जा से रोशन करने के साथ ही अब शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का भी माध्यम भी बना रही है। प्रदेश के विभिन्न सोलर सिटीज में अलग-अलग योजनाओं के जरिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दे रही योगी सरकार अब सोलर एनर्जी बेस्ड एक और इनोवेशन को बढ़ावा देने जा रही है। सीएम योगी के विजन अनुसार, प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में आधुनिक सोलर बेस्ड ड्रिंकिंग वॉटर कियोस्क की स्थापना करने की तैयारी की जा रही है। इस क्रम में, उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा अभिकरण (यूपीनेडा) ने प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए 3.99 करोड़ रुपए की लागत से 20 कियोस्क्स की स्थापना करने जा रही है। सोलर बेस्ड ड्रिंकिंग वॉटर कियोस्क दरअसल एक स्मार्ट जल शोधन और वितरण प्रणाली है जिसे दूरदराज के क्षेत्रों में जल शोधन के लिए पहुंच और उपयोग में आसानी बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सौर ऊर्जा द्वारा संचालित है, जो एक बार पूरी तरह से चार्ज होने पर डिवाइस को घंटों तक चला सकता है।
250 लीटर प्रति घंटे वॉटर प्योरिफिकेशन करने में सक्षम होगा कियोस्क
सीएम के विजन अनुसार, जिन सोलर बेस्ड वॉटर कियोस्क्स की स्थापना होनी है वह कई मायनों में विशिष्ट है। परियोजना के अंतर्गत जिन कियोस्क की स्थापना होनी है वह वॉटर ट्रीटमेंट के लिए रिजर्व ऑस्मॉसिस प्वॉइंट तकनीक पर काम करेगा। प्रत्येक सोलर बेस्ड वॉटर कियोस्क सीजनल रिक्वायरमेंट के हिसाब से 10 डिग्री से 30 डिग्री के बीच शुद्ध जल उपलब्ध कराएगा। कियोस्क का वॉटर फिल्टरेशन लेवल बीआईएस 16240 के मानकों के अनुरूप होगा। इसकी वॉटर स्टोरेज कैपेसिटी 5000 लीटर तथा ट्रीटेड वॉटर कैपेसिटी 1000 लीटर की होगी। कियोस्क से प्रति घंटे 250 लीटर प्रति घंटे शुद्ध जल प्राप्त हो सकेगा जबकि कियोस्क की वॉटर डिस्पेंसिंग स्पीड 10 से 12 लीटर प्रति मिनट होगी। इसे इस प्रकार से विकसित किया जा रहा है कि कम से कम प्रतिदिन 2000 लीटर शुद्ध जल की आपूर्ति हो सकेगी। इन कियोस्क्स को 5 वर्षों की कार्यावधि के लिए स्थापित किया जाएगा और इसके लिए यूपीनेडा ने एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन प्रक्रिया शुरू कर दी है।
रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम से भी होगा लैस
सभी कियोस्क को रिमोट मॉनिटरिंग सिस्टम से लैस किया जाएगा जिसके जरिए की जा रही जलापूर्ति के विभिन्न मानकों जैसे कि पीएच स्केल, बेसिसिटी, एल्केलिनिटी और मिनरल तत्व शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, इसे डाटाबेस से भी जोड़ा जाएगा जिसके जरिए प्रत्येक कियोस्क की दैनिक कार्य प्रणाली पर नजर रखी जाएगी। कियोस्क से एक लीटर से लेकर 25 लीटर तक पानी लाभार्थी अपने कंटेनरों में भर सकेंगे और मशीन को एलईडी डिस्प्ले व 1,2,5 व 10 रुपए के सिक्कों को स्वीकृत कर उसी आधार पर जलापूर्ति कर सकेगा। यह कियोस्क सिंगल चार्ज पर 48 घंटों तक कार्य करने में सक्षम होगा। वैसे, प्रतिदिन इसे 16 घंटों के लिए ऑपरेशनल रखा जाएगा। कियोस्क जीपीआरएस कनेक्टिविटी युक्त होगा और कनेक्टिविटी में बाधा आने पर यह एसएमएस के जरिए भी कमांड सेंटर से संपर्क में रहेगा।
उत्तर प्रदेश
हार्टफुलनेस ने आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए कराया सामूहिक ध्यान
लखनऊ। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अभिनव पहल के रूप में घोषित प्रथम अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर पर श्री रामचंद्र मिशन के आईआईएम रोड स्थित हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में आंतरिक शांति और संतुलन प्राप्ति के लिए ध्यान एवं योग सत्र का आयोजन किया गया। योग व ध्यान का प्रकाश हर हृदय और हर घर पहुंचे, इसके लिए यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख सचिच संस्कृति एवं पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम उपस्थिति रहें। उन्होंने कहा कि युवाओं को ध्यान से जोड़ने की जरुरत है, जिससे वे जीवन में उन्नति भी कर सकते हैं।
हार्टफुलनेस संस्था अपने ग्लोबल गाइड पद्मभूषण कमलेश जी पटेल दाजी के मार्गदर्शन में प्राचीन योग परम्परा एवं ध्यान द्वारा मानवीय मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु दृढ़ संकल्पित है। संस्था द्वारा अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस के अवसर प्राणाहुति आधारित ध्यान, प्राणायाम, आसन, मुद्रा एवं व्यक्ति के शारीरिक एवं मानसिक विकास से जुड़े सत्र प्रशिक्षित स्वयंसेवकों द्वारा प्रस्तुत किए गए। समारोह में नारकोटिक्स विभाग, उत्तर प्रदेश की सक्रिय भागीदारी रही। ड्रग व मादक पदार्थों के दुष्परिणामों व ध्यान के माध्यम से इनसे दूर रहने के उपायों को यहां बताया गया।
संस्था की जोनल कोऑर्डिनेटर शालिनी महरोत्रा ने बताया कि हार्टफुलनेस संस्था ध्यान के प्रति जन जागरूकता के लिए समर्पित है। ध्यान हमारी भावनाओं को संतुलित कर आधुनिक जीवन की आपाधापी के बीच शांति और स्थिरता प्रदान करता है। इसके महत्व को स्वीकार कर संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस घोषित किया है। उन्होंने बताया कि हार्टफुलनेस इंस्टीट्यूट में नियमित प्रात: व शाम को ध्यान सत्र का आयोजन किया जाता है। हार्टफुलनेस संस्था द्वारा पिछले वर्ष 7 से 9 अप्रैल को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त तत्वावधान में अलीगंज स्थित स्टेडियम में हर दिल ध्यान, हर दिन ध्यान का आयोजन किया था, जिसमें 10 हजार से अधिक लोगों ने एक साथ ध्यान व योग किया था।
अंतर्राष्ट्रीय ध्यान दिवस पर आलमबाग के फीनिक्स मॉल स्थित हार्टफुलनेस लॉन्ज में भी विशेष ध्यान सत्र का आयोजन किया गया। यहां हर दिन नि:शुल्क हार्टफुलनेस ध्यान सिखाया जाता है, जिसका लाभ युवाओं को विशेष रूप से मिलता है।
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