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बिजनेस

एनएसई ने की लिस्टिंग समिति के गठन की घोषणा

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एनएसई, लिस्टिंग समिति के गठन की घोषणा

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एनएसई, लिस्टिंग समिति के गठन की घोषणा

लखनऊ। भारत का प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज एनएसई लिस्टिंग के पथ पर है। एनएसई के बोर्ड ने लिस्टिंग समिति (एलसी) का गठन किया है, जिसमें बोर्ड सदस्य, शेयरहोल्डर्स और प्रबंधन के प्रतिनिधि सम्मिलित हैं जो कि लिस्टिंग की प्रक्रिया को त्वरित करने में और इसे कार्यान्वित करने में एमडी एंड सीईओ की सहायता करेंगे। समिति के गठन का निर्णय पिछली बोर्ड बैठक में लिया गया था। बोर्ड ने मिस चित्रा रामकृष्णा, एमडी एंड सीईओ को सदस्यों को समिति में सम्मिलित करने शेयरहोल्डर प्रतिनिधियों केअलावाजिनको वर्तमान में बोर्ड में प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है, के लिए प्राधिकृत किया था। उल्लेखनीय है कि लिस्टिंग समिति शेयरहोल्डर्स से चर्चा करेगी और पुनर्गठन प्रक्रिया के साथ ही सेल्फ-लिस्टिंग एजेंडा पर बढ़ने के लिए उन्हें रचनात्मक रूप से संलग्न करेगी। ये उन्हें एनएसई के सैद्धांतिक पक्ष के लिए समर्थन देने के लिए आश्वस्त करेगी कि एक एक्सचेंज को उपयुक्त रेगुलेटर द्वारा ही रेगुलेट किया जाते रहना चाहिए न कि प्रतिस्पर्धी द्वारा।

मिस चित्रा रामकृष्णा, एमडी एंड सीईओ ने कहा कि,“हम देश के सर्वाधिक विश्वस्त बुर्स के एक्सचेंज प्लेटफॉर्म पर लिस्टिंग के लिए प्रतिबद्ध हैं। निर्धारित समय में इस मील के पत्थर तक पहुंचने के लिए क्रिटिकल मुद्दों की समझ और रचनात्मक संवाद महत्वपूर्ण है। मैं विश्वस्त हूँ कि लिस्टिंग समिति इस प्रक्रिया को निर्दिष्ट करने में प्रमुख भूमिका का निर्वहन करेगी।“ जैसे ही उपरोक्त उद्देश्यों का आकलन कर लिया जाएगा, एलसी इसकी एक औपचारिक रिपोर्ट इसकी समीक्षा और आगे बोर्ड के अनुमोदन के लिए स्टेकहोल्डर्स रिलेशन्स कमेटी (एसआरसी) को प्रस्तुत करेगी। समिति में कॉमन नॉमिनीज भी होंगे जो विधि, रेगुलेटरी, शासकीय विषयों पर परामर्श देगें और साथ ही शेयरहोल्डर्स से प्रतिक्रिया लेगें।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के विषय में

अपने 20 वर्षों के इतिहास में, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड ने तकनीक, नवाचार, और संचालन एवं प्रबंधन प्रणालियों के उच्चतम मानदंडो के आधार पर पूंजी बाजार को परिवर्तित किया है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड की कारोबारी प्रणालियां, उत्पाद नवाचार और अखंडता के उच्चतम स्तर ने समूचे विश्व में वित्तीय बाजारों में विश्वास अर्जित किया है। भारत में सभी एक्सचेंज ट्रेडेड वित्तीय उत्पादों के लिए पसंदीदा प्लेटफॉर्म होने के अलावा, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड के अग्रणी इंडेक्स छप्थ्ज्ल् 50 का इस्तेमाल भारत और विश्व के निवेशकों द्वारा भारतीय पूंजी बाजार के मानदंड के रूप में किया जाता है। प्रारंभ से ही एक्सचेंज को वैश्विक मीडिया द्वारा व्यापकता से कवर किया गया है और भारतीय प्रतिभूति बाजार में सुधार में किए गए योगदान के सम्मान के लिए इसने कई पुरस्कार प्राप्त किये हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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