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उत्तर प्रदेश

राष्ट्रीय वन शहीद दिवस के अवसर पर इलाहाबाद विवि के मानवविज्ञान विभाग द्वारा वृहत स्तर पर पौधरोपण कार्यक्रम सम्पन्न

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प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति महोदया के कुशल मार्गदर्शन, सशक्त नेतृत्व और महती अभिप्रेरणा से मानवविज्ञान विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने आई. क्यू. ए. सी. प्रकोष्ठ और आउटरीच गतिविधि प्रकोष्ठ इलाहाबाद विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में “राष्ट्रीय वन शहीद दिवस (नेशनल फॉरेस्ट मार्टियर्स डे) के अवसर पर दिनाँक 11 सितंबर 2024 को आउटरीच गतिविधियों के तहत सोरांव तहसील की नारायणपुर ग्राम सभा में वृहत स्तर पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम सम्पादित किया।

उक्त ग्राम सभा के तीन ग्रामों यथा खेमानंदपुर,नारायणपुर तथा अलीपुर में सौ से अधिक फ़लदार और छायादार पौधों का रोपण किया गया। मानवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल, शिक्षकगण डॉ शैलेन्द्र मिश्र, डॉ खिरोद चन्द मोहराना, डॉ संजय कुमार द्विवेदी (पी. डी. एफ.) एवं विभाग के शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं के द्वारा उक्त तीनों गाँवों की महिलाओं, पुरुषों और बच्चों के साथ खण्ड विकास अधिकारी सुनील कुमार, पंचायत सचिव लाल प्रताप यादव, ग्राम प्रधान कमलेश कुमार, सुरेश चंद्र द्विवेदी, दिलीप कुमार द्विवेदी और वीरेंद्र कुमार द्विवेदी, विजय कुमार द्विवेदी, ग्राम की आशा मैना देवी आदि की उपस्थिति में वनों तथा पेड़ों की रक्षा के संकल्प के साथ 1730 के खेजड़ली घटना के शहीदों को नमन कर उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।

कार्यक्रम के आरम्भ में नारायणपुर ग्राम सभा के ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव एवं अन्य ग्रामीणों की उपस्थिति में मानवविज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. राहुल पटेल ने बताया कि भारत सरकार के पर्यावरण मंत्रालय ने 2013 से इस दिवस को वनों, वन संपदा और पर्यावरण के रक्षकों के सम्मान में मनाना आरंभ किया। उन्होंने वर्ष 1730 के बिश्नोई बहुल ग्राम खेजरली में वृक्षों की रक्षा के दौरान अमृता देवी और वृक्षों की रक्षा करते हुए शहीद हुए 362 बिश्नोई समाज के लोगों की शहादत के विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया की खेजरी वृक्षों के नाम पर ही उक्त गांव का नाम खेजड़ली पड़ा था। वन एवं पर्यावरण की रक्षा मानवविज्ञान की विषयवस्तु है और मानवविज्ञान जो कि मानव को केंद्र में रखकर उसके समाज और संस्कृति का समग्र के उपागम से गहन अध्ययन करता है अगर उसके विद्यार्थी इसके लिए नहीं खड़े होंगे तो और कौन आगे आएगा। उन्होंने ग्राम प्रधान और उपस्थित ग्रामीणों से अनुरोध किया कि उनके गांव में पौधे लगाने का कार्य तो इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी और शिक्षक कर रहे हैं लेकिन अब ये उनकी जिम्मेदारी है कि वो पौधों की सुरक्षा करें और उनको वृक्ष के रूप में तब्दील करें, जिस पर ग्रामीणों ने हामी भर कर सभी का उत्साहवर्धन किया। प्रो. पटेल ने विश्वविद्यालय की माननीय कुलपति महोदया को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि उनके निरंतर मार्गदर्शन से विभाग को बहुत प्रेरणा और संबल मिल रहा है और आगे भी विद्यार्थी उनके सशक्त मार्गदर्शन से इस तरह की आउटरीच गतिविधियों से जुड़ कर विश्वविद्यालय से प्राप्त ज्ञान का अनुप्रयोग समाज के हित में करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हटेंगे। डॉ शैलेन्द्र मिश्र ने वृक्षारोपण के महत्व पर चर्चा करते हुए कहा कि मानवविज्ञान के विद्यार्थी इस तरह की गतिविधियों से समाज को सकारात्मक ऊर्ज़ा दे सकते हैं। डॉ खिरोद मोहराना ने कहा कि समाज विकास के नाम पर और विकास की आँधी में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई तो कर रहा लेकिन बदले में नए पेड़ लगाने में कोताही कर रहा है। हमको अपने इस वर्ताव को सुधारना होगा और ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना होगा।

डॉ संजय द्विवेदी ने तीनों गाँवों के ग्रामीणों की सहभागिता को सुनिश्चित किया और बताया कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति महोदया प्रो. संगीता श्रीवास्तव मैडम ने जिस तरह से विश्वविद्यालय के सभी परिसरों के सुंदरीकरण में पौधों और वनस्पतियों को महत्व दिया है उससे हम सभी को सीखना चाहिए कि पौधे कैसे वसुंधरा का श्रृंगार करने में सहायक हैं और यही धरती के ऋण से उऋण होने का एकमात्र माध्यम है। गांव की आशा मैना देवी ने सभी विद्यार्थियों का माल्यार्पण कर गाँव में आकर पौधरोपण हेतु धन्यवाद दिया। एल. एंड टी. कंपनी के प्रयागराज के वेण्डर इलाहाबाद नर्सरी तथा सामाजिक कार्यकर्ता अविनाश कुमार के सहयोग से निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराए गए। खेमानंदपुर गाँव के अशोक कुमार द्विवेदी, दिलीप कुमार द्विवेदी वीरेंद्र कुमार द्विवेदी, विजय कुमार द्विवेदी, राहुल द्विवेदी और शैलेन्द्र द्विवेदी ने सभी के लिए उत्तम कोटि के जलपान और भोजन की व्यवस्था की। विद्यार्थियों में शशिरंजन कुमार, महिमा सिंह, कनुप्रिया, अनुष्का दीक्षित, रिचा मौर्या, सुधीर कुमार, यशवी मिश्रा, शिखा मौर्या, विष्णु, चेतन शर्मा, अमित कुमार, प्रभात सिंह, रुद्रप्रताप, विपिन यादव, आकांक्षा शुक्ला, मंजीत यादव, विपुल चौधरी, हर्षित कौशल, कुश कुमार पांडे, मयंक मिश्रा, अतुल कुमार चौधरी, उत्कर्ष, आकाश, रोहित राज, सुमित वर्मा, संजना, वर्शिका अंशु और शोध छात्र विनय कुमार यादव ने आम, नीम, जामुन, चीकू, बेल, कदम्ब, कैथा, सन्तरा, मुसम्मी, आंवला, चकोतरा, नाशपाती, आलू बुखारा आदि के पौधों को लगाने में पूर्ण मनोयोग से सहयोग किया। तेज़ वर्षा के बावज़ूद सैकड़ों पौधों को लगाने के बाद सबने तय किया कि पर्यावरण उन्नयन हेतु मानवविज्ञान विभाग अपनी सशक्त भूमिका का निर्वहन करता रहेगा और इसी विचार के साथ 11 सितंबर 2024 को यह कार्यक्रम आयोजित किया गया।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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