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आखिर 19 दिन बाद पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने का क्या है राज

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कर्नाटक में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल की कीमत में 17 पैसे और डीजल के मूल्य में 21 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की। कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल के दामों पर 19 दिन से लगी रोक हटा ली है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव 2018 के लिए मतदान होने के बाद आज मतगणना हो रही है संभव है कि आज यह सामने आ जाए की कौन बनेगा कर्नाटक का नय मुख्यमंत्री। पेट्रोल-डीजल के दामों में सोमवर के बाद दूसरे दिन मंगलवार को भी बढ़ोतरी हुई है।

पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा होने पर विपक्षी कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस का कहना है कि कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर तेल के दाम रोक कर रखे गए थे, और मतदान पूरे होते ही कीमत बढ़ा दी गई।

सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, दिल्ली में पेट्रोल 74.63 रुपए प्रति लीटर से बढ़कर 74.80 रुपए प्रति लीटर जबकि डीजल 65.93 रुपए से 66.14 रुपए प्रति लीटर हो गया है। वृद्धि के बाद डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं जबकि पेट्रोल 56 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गया।

तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव पर लगी रोक को कर्नाटक विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि कर्नाटक चुनाव के मद्देनजर सरकार के इशारे पर तेल कंपनियों ने लागत बढ़ने के बावजूद करीब तीन सप्ताह तक कीमतों को अपरिवर्तित रखा। हालांकि, शनिवार को कंपनियां फिर से पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रोजाना बदलाव की ओर वापस आ गई हैं।

अतंरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि और डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट के बावजूद कीमतें नहीं बढ़ाने से कंपनियों को लगभग 500 करोड़ रुपए का नुकसान होने का अनुमान है। कंपनियों ने 24 अप्रैल से कीमतों में वृद्धि नहीं की थी।

हालांकि आईओसी के चेयरमैन संजीव सिंह ने आठ मई को कहा था कि उपभोक्ताओं की घबराहट दूर करने के मकसद से अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के भाव में इजाफा होने के बावजूद गतिशील पेट्रोल और डीजल के मूल्य में कुछ समय के लिए बढ़ोतरी स्थगित कर दी गई है।

उन्होंने कहा, “हमने कीमतों में बढ़ोतरी की जरूरत होने पर भी अस्थाई तौर पर खुदरा मूल्य में अस्थाई रूप से नरमी रखी, क्योंकि हमारा मानना है कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल उत्पाद की कीमतों को फंडामेंटल सपोर्ट नहीं मिल रहा है। इसलिए हमने कुछ समय इंतजार करने का फैसला लिया। दरअसल, इससे उपभोक्ताओं में घबराहट पैदा होती।”

तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) ने 19 दिनों के इंतजार के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी की है। नई दरें सोमवार से लागू हैं। नई दरों के अनुसार, कोलकाता में 77.50 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 82.65 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 77.61 रुपए प्रति लीटर हो गया है।

नई दरें लागू होने के बाद डीजल कोलकाता में 68.68 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 70.43 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 69.79 रुपए प्रति लीटर हो गया है।

इससे पहले 24 अप्रैल को पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी की गई थी। जब पेट्रोल दिल्ली में 74.63 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 77.32 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 82.48 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 77.43 रुपए प्रति लीटर हो गया था।

24 अप्रैल को डीजल के दाम में बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में डीजल 65.93 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 68.63 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 70.20 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 69.56 रुपये प्रति लीटर हो गया था।

दिल्ली में पेट्रोल की कीमत सितंबर 2013 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है। पेट्रोल के साथ डीजल की कीमत भी नई ऊंचाई पर पहुंच गई है।

तेल एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले माह उन रिपोर्टों को खारिज किया था, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को लागत के मुताबिक ईंधन के दाम नहीं बढ़ाने और कम-से-कम एक रुपए प्रति लीटर का बोझ उठाने की बात कही गई थी।

पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा होने पर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने ट्वीट किया, “पेट्रोल और डीजल पर और कर लगाए जाएंगे और उपभोक्ताओं पर और बोझ बढ़ेगा। कर्नाटक चुनाव के कारण ही विराम रहा।”

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार को ट्वीट किया, “कर्नाटक में मतदान संपन्न। ईंधन के भाव चार साल के शिखर पर पहुंच गए। मोदीनॉमिक्स का प्रमुख सिद्धांत : जितने लोगों को मूर्ख बना सको, उतने को बनाओ, जितनी बार आप बना सकें बनाइए।”

उल्लेखनीय है कि भाजपा की नेतृत्व वाली सरकार ने नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के दौरान नौ बार उत्पाद शुल्क में बढ़ोत्तरी की जबकि उस वक्त अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ईंधन की कीमतें नरम बनी हुई थी। इस दौरान शुल्क में कटौती सिर्फ एक बार ( पिछले वर्ष अक्तूबर में 2 प्रति लीटर ) की गई।

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धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस की स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च, मात्र 10 रुपये में खरीद सकते हैं डिजिटल सोना

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नई दिल्ली। दिवाली से पहले धनतेरस के मौके पर जियो फाइनेंस सर्विसेज लिमिटेड ने स्मार्टगोल्ड योजना लॉन्च की है। स्मार्टगोल्ड योजना में डिजिटली सोने की खरीद के साथ सोने में किए गए निवेश को भुनाया भी जा सकता है। सोने में किए गए निवेश से मिली स्मार्टगोल्ड युनिट किसी भी वक्त नकद, सोने के सिक्कों या आभूषणों में बदला जा सकता है। दिलचस्प यह है कि स्मार्टगोल्ड में हजारों या लाखों रुपये के निवेश की जरूरत नहीं है, मात्र 10 रु में भी सोना खरीदा जा सकता है।

जियो फाइनेंस ऐप पर स्मार्टगोल्ड योजना में सोने में निवेश के दो विकल्प ग्राहक के पास उपलब्ध हैं। पहला वह निवेश की कुल राशि तय कर सकता है, दूसरा वह सोने के भार यानी ग्राम में निवेश कर सकता है। भौतिक सोने की डिलीवरी 0.5 ग्राम और उससे अधिक की होल्डिंग पर ही होगी। यह 0.5 ग्राम, 1 ग्राम, 2 ग्राम, 5 ग्राम और 10 ग्राम के मूल्यवर्ग में उपलब्ध होगी। ग्राहक चाहे तो ऐप पर सीधा सोने के सिक्के खरीद कर होम डिलिवरी की सुविधा का लाभ भी उठा सकता है।

ग्राहक का सोना सुरक्षित रखने के लिए, निवेश के बाद स्मार्टगोल्ड में निवेश के बराबर 24 कैरेट का सोना खरीदा जाएगा और उसे एक इंश्योर्ड वॉल्ट यानी तिजोरी में रखा जाएगा। इससे सोने की संभाल से तो मुक्ति मिलेगी ही, चोरी-चकारी का डर भी नहीं सताएगा। जियो फाइनेंस ऐप पर जब चाहें तब सोने की लाइव मार्किट कीमतें देखी जा सकती हैं। स्मार्टगोल्ड दरअसल डिजिटल सोना खरीदने का एक सुविधाजनक, सुरक्षित और सहज तरीका है।

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