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समुद्र पर बने सबसे लंबे पुल अटल सेतु का PM मोदी ने किया उद्घाटन, जानें विशेषताएं
मुंबई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समंदर पर बने देश के सबसे लंबे पुल अटल सेतु का उद्घाटन कर दिया है। इस पुल से घंटों का सफर अब मिनटों में पूरा किया जा सकेगा। यह पुल 21।8 किमी लंबा है। करीब 16 किमी का हिस्सा समंदर पर बना है जबकि साढ़े पांच किमी का हिस्सा जमीन पर बना है। अटल सेतु पर यात्रा करने वालों को सिर्फ 250 रुपए का टोल देना पड़ेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2016 में इस पुल का शिलान्यास किया था और अब अपना वादा निभाते हुए प्रधानमंत्री मोदी देश के सबसे बड़े समुद्री पुल का उद्घाटन कर दिया है। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई के लिए यह पुल नई जीवन रेखा बनेगा, वहीं बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में यह भारत के विकास की नई इबारत है।
एक अनुमान के मुताबिक पुल से हर रोज करीब 70 हजार लोग सफर करेंगे। यहां 400 कैमरे लगे हैं, इसके अलावा ट्रैफिक के दबाव की जानकारी जुटाने के लिए एआई आधारित सेंसर लगे हैं। अटल सेतु देश का सबसे बड़ा पुल होने के साथ-साथ कई और विशेषताएं लिए हुए है।
सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें एफिल टॉवर की तुलना में 17 गुना अधिक स्टील लगा है और कोलकाता के हाबड़ा ब्रिज से चार गुना स्टील लगा है। उन्होंने बताया कि इसमें जो कंक्रीट इस्तेमाल हुआ है वह अमरिका के स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से छह गुना ज्यादा है।
अटल सेतु के कुछ अन्य बेहतरीन फीचर्स
ब्रिज में एड्वांस्ड ऑर्थोट्रोपिक स्टील डेक हैं जो महत्वपूर्ण स्पैन को सक्षम बनाते हैं।
इसमें रिवर सर्कुलेशन रिंग्स लगाए गए हैं जो समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए ध्वनि और कंपन को कम करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
पर्यावरण के अनुकूल लाइटिंग का इस्तेमाल किया गया है जो जलीय जीव जंतुओं को परेशान नहीं करेगा।
ब्रिज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी ने प्रशंसा प्रमाण पत्र दिया है।
अत्याधुनिक तकनीक से सुसज्जित- कोहरे, कम दृश्यता और लिमिट से ज्यादा स्पीड वाले वाहनों का पता लगाने में सक्षम है।
इस ब्रिज पर मोटरसाइकिल, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टर चलाने पर रोक है ताकि ट्रैफिक फ्लो बना रहे और सभी व्हीकल्स के लिए स्पीड लिमिट तय की गई है।
लंबाई और लेन: अटल सेतु लगभग 21।8 किलोमीटर तक फैला है, जिसमें छह लेन हैं। हर एक की लंबाई समुद्र के ऊपर लगभग 16।5 किमी और जमीन पर 5।5 किमी है।
कनेक्टिविटी में सुधार: मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, मुंबई, पुणे, गोवा और दक्षिण भारत से कनेक्टिविटी को बेहतर करेगा।
इसका उद्देश्य मुंबई और पुणे, गोवा और दक्षिण भारत सहित कई गंतव्यों के बीच यात्रा का समय कम करना है।
मुंबई पोर्ट और जवाहरलाल नेहरू पोर्ट के बीच कनेक्टिविटी में सुधार करना।
अटल सेतु पर चार पहिया वाहनों के लिए अधिकतम स्पीड लिमिट 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जबकि मोटरबाइक, ऑटोरिक्शा और ट्रैक्टर को समुद्री पुल पर अनुमति नहीं दी जाएगी। कार, टैक्सी, हल्के मोटर वाहन, मिनीबस और टू-एक्सल बस जैसे वाहनों की गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा होगी और पुल के चढ़ने और उतरने पर गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा तक सीमित रहेगी। मुंबई पुलिस ने कहा कि गति सीमा पर प्रतिबंध “जनता के लिए खतरे, रुकावटों और असुविधा” से बचने के लिए लगाया गया है।
महाराष्ट्र सरकार ने अटल सेतु पर कारों के लिए एक तरफा टोल के रूप में 250 रुपये वसूलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस फैसले पर एक अधिकारी ने बताया कि जो राशि वसूली जा रही है, वह टोल संग्रह के मौजूदा नियमों के मुताबिक आधी ही है।
एक पैसेंजर कार से एक तरफ का टोल 250 रुपये लिया जाएगा। जबकि दोनों तरफ की यात्रा के लिए 375 रुपए निर्धारित किया गया है। मुंबई की ओर जाने वाले मल्टी-एक्सल भारी वाहनों, ट्रकों और बसों को ईस्टर्न फ्रीवे पर प्रवेश नहीं मिलेगा। इन वाहनों को आगे की आवाजाही के लिए मुंबई पोर्ट-शिवडी निकास (निकास 1सी) का उपयोग करना होगा और ‘गाडी अड्डा’ के पास MBPT रोड लेना होगा।
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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी
राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।
नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।
इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।
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