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उत्तर प्रदेश

यूपी में अब थानावार होगी पुलिस की पैदल गश्त, गृह विभाग करेगा नियमित समीक्षा

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों के अनुपालन में प्रदेश के प्रत्येक जनपद में सायंकाल बाजारों व भीड़ भरे स्थानों में पुलिस की फुट पेट्रोलिंग (पैदल गश्त) की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। इस व्यवस्था की निगरानी के लिए पुलिस विभाग में तकनीकी शाखा द्वारा फुट पेट्रोलिंग का एक पोर्टल विकसित किया गया है। इसके माध्यम से थानावार हुई पुलिस की पैदल गश्त की गृह विभाग द्वारा भी नियमित समीक्षा की जायेगी।

अपर मुख्य सचिव (गृह) अवनीश कुमार अवस्थी की अध्यक्षता में आज लोक भवन स्थित कमाण्ड सेण्टर में हुई उच्चस्तरीय बैठक में फुट पेट्रोलिंग पोर्टल विकसित किये जाने के कार्य में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा की गई। इस संबंध में अब की गई तैयारी का विस्तार से प्रस्तुतीकरण भी किया गया।

प्रदेश पुलिस की तकनीकी सेवा मुख्यालय द्वारा इस फुट पेट्रोलिंग पोर्टल को विकसित करने की कार्यवाही की गयी है। इसके माध्यम से प्रत्येक जनपद में प्रतिदिन थानावार फुट पेट्रोलिंग की सूचना, कार्रवाई व फोटों आदि अपलोड किये जाने की व्यवस्था की गई है।

फुट पेट्रोलिंग पोर्टल प्रदेश पुलिस के स्टेट डेटा सेंटर में होस्टेड है तथा सीसीटीएनएस साफ्टवेयर के साथ एकीकृत एवं केन्द्रीकृत है। यह वेब पोर्टल प्रयोग करने मे सरल, सहज एवं थानें द्वारा फोटो युक्त एकल पृष्ठ डेटा प्रविष्टि की सुविधा युक्त है।

थाना स्तर के अनुरोध पर पुलिस अधीक्षक स्तर से अनुमोदन के उपरान्त केवल उसी दिन के लिये डाटा को संशोधित करने की सुविधा भी इसमें दी गई है। इस पोर्टल का उपयोग कर गश्त करने व गश्त न करने वाले थानों की समीक्षा हेतु केन्द्रीकृत रिपोर्ट तैयार की जा सकेगी तथा इसके माध्यम से दैनिक, साप्ताहिक, मासिक व अब तक हुई प्रगति की जानकारी भी प्राप्त की जा सकेगी।

अवनीश अवस्थी ने निर्देशित किया है कि इसमें स्वयं जनित ई-मेल से संबंधित अधिकारियों को हर माह सूचना भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। उन्होंने प्रत्येक माह अपलोड होने वाली फोटोग्राफ्स का डाटा भी कम से कम एक वर्ष सुरक्षित रखने के भी निर्देश दिये है। गृह विभाग द्वारा इस पोर्टल के माध्यम से भी नियमित समीक्षा की जायेगी।

फुट पेट्रोलिंग का उद्देश्य आम जन मानस के साथ संवाद एवं समन्वय स्थापित कर मित्र पुलिस का संदेश सुनिश्चित करना है, जिससे आम जनमानस मे पुलिस के प्रति विश्वास बढ़े एवं आम लोग अपनी जान माल की सुरक्षा हेतु पुलिस से सहज रूप से बिना किसी भय अथवा डर के अपनी शिकायत दर्ज करा सके।

उल्लेखनीय है कि शासन द्वारा इस संबंध मे निर्देश दिये गये थे कि पुलिस की फुट पेट्रोलिंग में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, थाना प्रभारी, उप निरीक्षक इसमें प्रतिभाग करे। जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक एवं पुलिस उपमहानिरीक्षक को स्वयं भी बारी-बारी से अपने कार्य क्षेत्रों के जनपदों में फुट पेट्रोलिंग सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये है।

इस अवसर पर गृह सचिव बीडी पाल्सन, विशेष सचिव (गृह) आरपी सिंह, अपर पुलिस महानिदेशक, (तकनीकी सेवा) मोहित अग्रवाल, पुलिस महानिरीक्षक (आवास) एसके भगत सहित गृह व पुलिस विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे।

उत्तर प्रदेश

गरीब बच्चों को बड़े स्कूलों में प्रवेश दिला रही योगी सरकार, प्रथम चरण में 1.32 लाख से अधिक आवेदन आए

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लखनऊ |  उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सुधार की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। सरकार के ‘मिशन शिक्षा’ के तहत, गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर प्रदान करने के लिए शिक्षा का अधिकार (आरटीई) अधिनियम के तहत महत्वपूर्ण प्रयास किए गए हैं। इसका परिणाम यह है कि आवेदन प्रक्रिया के प्रथम चरण (01 दिसंबर से 19 दिसंबर) के दौरान 1.32 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं।

ज्ञातव्य हो कि योगी सरकार इस वर्ष यह प्रयास कर रही है कि किसी भी गरीब बच्चे की पढ़ाई में एक दिन भी देरी न हो और उसे समय से स्कूल में प्रवेश दिलाकर अप्रैल के पहले दिन से ही उसकी नियमित पढ़ाई शुरू करा दी जाए। इस प्रथम चरण में वंचित और अलाभित परिवारों के अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक आवेदन किया है, जिनमें सर्वाधिक आवेदन वाराणसी (10,278), लखनऊ (8,714) और कानपुर नगर (8,276) से प्राप्त हुए हैं। अब सरकार ने इन आवेदनों के सत्यापन कार्य में तेजी लाकर बच्चों को उनके अधिकार शीघ्र प्रदान करने की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया है। योगी सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से उत्तर प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में एक नई उम्मीद और परिवर्तन की लहर दौड़ रही है, जिससे हर बच्चे के लिए शिक्षा का दरवाजा खुल रहा है।

19 दिसंबर तक आये सर्वाधिक आवेदन की स्थिति

सभी जिलों से प्राप्त हुए कुल 1,32,446 आवेदनों में जिन जिलों से सर्वाधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, उनमें शीर्ष पर वाराणसी (10,278) है, जबकि दूसरे स्थान पर लखनऊ (8,714) है। इसी प्रकार तीसरे स्थान पर कानपुर नगर (8,276), चौथे स्थान पर अलीगढ़ (4,880) और पांचवें स्थान पर आगरा (4,626) ने अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है।

सरकार ने दिये हैं निर्देश

इसके साथ ही बीईओ और बीएसए स्तर पर लंबित आवेदनों को लेकर सरकार ने जिलों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं। सरकार ने अधिकारियों से कहा है कि 23 दिसंबर को पोर्टल स्वतः बंद हो जाएगा, इसलिए अधिकारी 22 दिसंबर तक सर्वोच्च प्राथमिकता पर आरटीई आवेदन सत्यापन को रखते हुए आवेदनों का सत्यापन कार्य पूर्ण करें।

चार चरणों में दिया जा रहा मौका

बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित करने के लिए सत्र 2025-26 के लिए 4 चरणों में आवेदन प्रक्रिया का निर्धारण किया गया है, जो क्रमशः 1 दिसंबर, 1 जनवरी, 1 फरवरी और 1 मार्च से उस महीने की 19 तारीख तक चलाई जा रही है। पहले चरण में आवेदनों की संख्या आने के बाद उनके सत्यापन का कार्य गतिशील है, जबकि शेष चरणों में आने वाले प्रार्थना पत्रों के बाद निर्धारित समय से सत्यापन कार्य शुरू कर दिए जाएंगे।

पिछले सत्रों में यह रही स्थिति

शैक्षिक सत्र 2022-23 में 71,214 बच्चों के मुकाबले सत्र 2024-25 में इस योजना के अंतर्गत 1,14,196 बच्चों का प्रवेश गैर सहायतित मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में कराया गया था, जो कि एक बड़ा उछाल था। इसके अतिरिक्त, सत्र 2024-25 तक राज्य भर के 5 लाख से अधिक बच्चे निजी विद्यालयों में शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। बता दें कि इन दो वित्तीय वर्षों में योगी सरकार ने 436 करोड़ रुपये की फीस प्रतिपूर्ति का भुगतान किया था और विद्यालयों को गरीब बच्चों को बिना किसी बाधा के प्रवेश देने में सहायता मिली थी।

सरकार का प्रयास-बच्चों के प्रवेश में न हो देरीः संदीप सिंह

योगी सरकार के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि आरटीई के तहत प्रत्येक चरण के लिए लॉटरी और नामांकन की तारीखें तय हैं। जिला प्रशासन भी सहयोग कर रहा है, जिससे आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र जैसे आवश्यक दस्तावेजों की सुविधा प्रदान कर नामांकन प्रक्रिया को सरल बनाया जा रहा है। सरकार का प्रयास है कि किसी भी बच्चे के प्रवेश में देरी न हो और वह समय से अपनी नियमित पढ़ाई शुरू कर सके। उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे बच्चों के नामांकन के लिए आवश्यक दस्तावेजों को समय से तैयार करा लें और आवेदन प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लें। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, सभी अभिभावक इस अवसर का पूरा लाभ उठाएं और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलवाने में सरकार का सहयोग करें।

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