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उत्तराखंड

उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई आज

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उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन पर सुनवाई आज 

देहरादून| उत्तराखंड में सियासी संकट के बाद लगे राष्ट्रपति शासन पर बुधवार को नैनीताल उच्च न्यायालय में आखिरी सुनवाई होगी। दोपहर बाद फैसला आने की संभावना जताई जा रही है। अदालत में बुधवार को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के मामले पर दो सदस्यीय पीठ में सुनवाई होगी। इससे पहले नैनीताल उच्च न्यायालय में राष्ट्रपति शासन के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा जवाब दाखिल करने के बाद मंगलवार को पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की ओर से शपथ-पत्र दाखिल कर दिया गया था।

विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने भी मंगलवार को अपना जवाब दाखिल किया । उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के खिलाफ निवर्तमान मुख्यमंत्री हरीश रावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए 31 मार्च की तिथि तय की थी।

अदालत ने शक्ति परीक्षण में बागी विधायक को भी शामिल करने के निर्देश दिए थे। एकल पीठ के इस आदेश को उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय खंडपीठ के समक्ष केंद्र सरकार ने चुनौती दी थी। इस प्रकरण पर सोमवार को गृह मंत्रालय के निदेशक सतेंद्र कुमार भल्ला ने जवाब दाखिल कर कहा था कि राष्ट्रपति शासन लगाने के संदर्भ में सभी दस्तावेज सील बंद जमा कर दिए गए हैं।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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