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प्रादेशिक

नौंवी की छात्रा नहीं चुका पाई स्कूल की फीस, प्रिंसिपल ने की ये घटिया हरकत!

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भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से चौंका देने वाली घटना सामने आई है। यहां नौवीं की छात्रा को स्कूल की फीस न भर पाने पर ऐसी सजा दी गई कि इंसानियत भी शर्मसार हो गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सरस्वती कोएड हायर सेकंडरी स्कूल की छात्रा को फीस न चुका पाने के बाद एक स्कूली छात्रा को दो दिनों तक खड़े रह कर परीक्षा देने की सजा दी गई।

मामला प्रकाश में आने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सख्त कार्रवाई के निर्देश दे दिए हैं। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) ने छात्रा के बयान दर्ज किए और शिकायत को सही पाया। जांच पूरी होने पर अगर प्रबंधन दोषी हुआ तो स्कूल की मान्यता खत्म हो सकती है।

मिली जानकारी के मुताबिक फीस न चुका पाने पर प्रिंसिपल ने टीचर को आदेश दिया कि छात्रा को बैठने नहीं दिया जाए। छात्रा ने कई बार गुजारिश की लेकिन सुनवाई नहीं हुई। दो दिन तक प्रताड़ना सहने के बाद छात्रा ने पिता से शिकायत की। जिसके बाद उसे शुक्रवार को बैठकर पेपर देने दिया गया। घटना के बाद स्कूल के प्रिसिंपल अजय खाड़े से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने एसएमएस का जवाब नहीं दिया।

छात्रा के पिता के मुताबिक उनकी बेटी ने दो दिन तक प्रताड़ित किया गया। गुरुवार रात उसने रोते हुए बताया कि आप फीस जमा कर दो नहीं तो आज भी खड़े होकर पेपर देना होगा।

उसने बताया कि प्रिंसिपल ने उसे खड़े होकर पेपर देने की सजा दी। इसके बाद उन्होंने स्कूल जाकर प्रिंसिपल से बात की। पहले तो उन्होंने सजा की बात से इंकार किया।

प्रिंसिपल ने कहा कि जिस टीचर के सामने खड़े होकर पेपर दिया उन्हें बुलाओ। इसके बाद खड़े होकर पेपर देने की पुष्टि पुष्पा मेडम ने की। आपको बता दें कि शिक्षा के अधिकार के तहत कोई भी किसी छात्र-छात्रा से फीस के मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं कर सकता।

IANS News

वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।

‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।

‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।

‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।

सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।

इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।

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