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लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी ने चला मास्टर स्ट्रोक, गरीब परिवारों को देंगे 72 हजार रुपए

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 के पहले चरण के चुनाव से पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मास्टर स्ट्रोक चल दिया है। सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राहुल ने 20 फीसदी गरीब परिवारों को हर साल 72 हजार रुपए देने का एलान कर दिया। राहुल ने कहा कि जिन परिवारों की मासिक आय 12 हजार रुपए से कम है उनके खाते में 72 हजार रुपए भेजे जाएंगे।

उन्होंने कहा कि सरकार बनने पर कांग्रेस न्यूनतम आय योजना शुरू करेगी। 20 प्रतिशत सबसे गरीब परिवारों को, कांग्रेस सरकार हर साल 72 हजार रूपये देगी। जिस परिवार की आय 12 हजार से कम है, उसे इस योजना का फायदा मिलेगा। धीरे-धीरे हम 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में कामयाबी हासिल करेंगे।

राहुल गांधी ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए कांग्रेस ने मनरेगा लाया था, अब हम न्यूनतम आमदनी की गारंटी देने जा रहे हैं। मनरेगा के जरिए देश की 14 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। हम देश से गरीबी खत्म करना चाहते हैं। कांग्रेस ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था। हमने 20 दिन के अंदर अपना वादा पूरा किया।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सारी गणनाएं कर ली गई है। देश के पांच करोड़ परिवारों और 25 करोड़ लोगों को इस योजना का फायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस देश में दो भारत नहीं बनने दिया जाएगा।

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला। कहा कि वह अमीरों को पैसा देते हैं, हम गरीबों को देंगे। कांग्रेस ने देश भर में लोगों से राय-मशविरा कर अपना घोषणा पत्र तैयार किया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम इसे अंतिम रूप देने में लगे हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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