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रेल बजट : किराया नहीं बढ़ा, यात्री सुविधा पर ध्यान

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रेल बजट : किराया नहीं बढ़ा, यात्री सुविधा पर ध्यान

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रेल बजट : किराया नहीं बढ़ा, यात्री सुविधा पर ध्यान

नई दिल्ली| रेल बजट 2016-17 में यात्री किराया और माल भाड़े में कोई बदलाव न करते हुए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने यात्री सुविधा पर विशेष ध्यान देकर इसे लोक लुभावन बनाने की कोशिश की है। लोकसभा में गुरुवार को 68 मिनट के रेल बजट भाषण में उन्होंने रेलवे के लिए एक स्वतंत्र नियामक की जरूरत बताई।

प्रभु ने विकास परियोजनाओं के लिए योजनागत व्यय को बढ़ाकर 1.21 लाख करोड़ रुपये कर दिया। उन्होंने कहा, “इस साल हमारा निवेश पिछले वर्षो के औसत का लगभग दोगुना होगा। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ था।”

उन्होंने रेलगाड़ियों में 65 हजर अतिरिक्त बर्थ, 2,500 वाटर वेंडिंग मशीन, रेल डिब्बों में 17 हजार जैविक शौचालय, 1,780 ऑटोमेटिक टिकटिंग मशीन, एक बार में 1,20,000 उपयोगकर्ताओंको ई-टिकट देने की सुविधा और 408 स्टेशनों पर ई-कैटरिंग सुविधा देने की भी घोषणा की।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक रेलगाड़ी में वरिष्ठ नागरिकों के लिए लोवर बर्थ का कोटा 50 फीसदी बढ़ाकर 120 किया जाएगा और वरिष्ठ नागरिकों तथा विकलांग यात्री योजना के दायरे में और अधिक स्टेशनों को शामिल किया जाएगा और तेजस नाम से नई ट्रेन शुरू की जाएगी।

उन्होंने कहा, “आज हम सर्वाधिक चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। यह बजट लाखों लोगों को सेवा देकर बदलाव और हमारे देश की यात्रा का दस्तावेज तैया करेगा।”

संचालन अनुपात के बारे में उन्होंने कहा, “सातवें वेतन आयोग के प्रभाव के कारण 2016-17 में हमें 92 फीसदी संचालन अनुपात रहने की उम्मीद है, जबकि वर्तमान वित्त वर्ष में यह 90 फीसदी रहने का अनुमान है।” उन्होंने वर्तमान वित्त वर्ष के लिए संचालन अनुपात का लक्ष्य 88.5 फीसदी रखा था।

उन्होंने कहा कि रेलवे का प्रदर्शन सुधारने के लिए त्रिस्तरीय रणनीतिक चिंतन प्रक्रिया अपनाई जाएगी- आय जुटाने के नए तरीके, खर्च के नए मानक और परियोजनाओं और कार्यक्रमों के कार्यान्वयन के लिए नई संरचना।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक भारत का 64,460 किलोमीटर का रेल मार्ग दुनिया में चौथा सबसे बड़ा है। इससे आगे अमेरिका, रूस और चीन हैं। देश में कुल लगभग 21 हजार रेलगाड़ियां रोजाना 2.3 करोड़ यात्रियों को यात्रा सेवा और 30 लाख टन माल ढुलाई सेवा देती हैं।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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