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रामदेव के फूड पार्क को सीआईएसएफ सुरक्षा देने पर सवाल

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रामदेव के फूड पार्क को सीआईएसएफ सुरक्षा देने पर सवाल

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रामदेव के फूड पार्क को सीआईएसएफ सुरक्षा देने पर सवाल

नई दिल्ली| कांग्रेस ने मंगलवार को बाबा रामदेव के हरिद्वार स्थित फूड पार्क की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की तैनाती पर सवाल उठाए, जबकि सरकार का कहना है कि योग गुरु की इस इकाई को ‘कोई विशेष मदद’ नहीं दी गई है। कांग्रेस के सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा लोकसभा में पूछे गए अनुपूरक प्रश्न के जबाव में गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा, “हमने करीब 11,000 निजी उद्यमियों को सीआईएसएफ सुरक्षा मुहैया कराई है। आप केवल एक कंपनी का नाम ले रहे हैं। यह कहना उचित नहीं है कि हमने किसी एक कंपनी या व्यक्ति की विशेष मदद की है।”

उन्होंने कहा कि रामदेव के फूड पार्क को ‘स्थापित प्रक्रियाओं के तहत खुफिया ब्यूरो से मिले इनपुट’ के बाद सुरक्षा मुहैया कराई गई है।

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद सीआईएसएफ ने मार्च से फूड पार्क को पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराना शुरू किया।

रिजिजू ने कहा कि निजी उद्योगों को सीआईएसएफ की सुरक्षा देने का फैसला 2009 में लिया गया था और उस दौरान संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार थी।

मंत्री ने कहा, “जिस निजी कंपनी की आप बात कर रहे हैं, उसके लिए हमने केवल 35 सीआईएसएफ कर्मियों की तैनाती की है। यह निजी उद्यमों में तैनात किए गए सीआईएसएफ कर्मियों की सबसे कम संख्या है।”

सिंधिया ने यह पूछा कि रामदेव के फूड पार्क को क्यों सीआईएसएफ की सुरक्षा दी गई जबकि कुछ हवाईअड्डों को नहीं दी गई।

इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि हवाईअड्डों पर सीआईएसएफ की तैनाती के लिए एक अच्छी तरह निर्धारित प्रक्रिया का पालन किया जाता है।

रिजिजू ने कहा, “उदाहरण के लिए श्रीनगर हवाई अड्डे पर जमीनी हकीकत का आकलन करने के बाद सीआरपीएफ (केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स) की तैनाती की गई है।”

कांग्रेस के ही एक अन्य सदस्य कमलनाथ ने सीआईएसएफ कर्मियों की कमी का मामला उठाया। इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि सरकार जल्द ही दो लाख कर्मियों की भर्ती करेगी।

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बदल गई उपचुनावों की तारीख! यूपी, केरल और पंजाब में बदलाव पर ये बोला चुनाव आयोग

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नई दिल्ली। विभिन्न उत्सवों के कारण केरल, पंजाब और उत्तर प्रदेश में विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे। कांग्रेस, भाजपा, बसपा, रालोद और अन्य राष्ट्रीय और राज्य दलों के अनुरोध पर चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है।

विभिन्न उत्सवों की वजह से कम मतदान की किसी भी संभावना को खारिज करने के लिए, चुनाव आयोग ने ये फैसला लिया है। ऐसे में ये साफ है कि अब यूपी, पंजाब और केरल में उपचुनाव 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होंगे।

चुनाव आयोग के मुताबिक राष्ट्रीय और राज्य स्तर की पार्टियों की ओर से उनसे मांग की गई थी कि 13 नवंबर को होने वाले विधानसभा उपचुनाव की तारीख में बदलाव किया जाए, क्योंकि उस दिन धार्मिक, सामाजिक कार्यक्रम हैं। जिसके चलते चुनाव संपन्न करवाने में दिक्कत आएगी और उसका असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ेगा।

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