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एमरजेंसी कॉल्स पर मरीजों को तत्काल अस्पताल में भर्ती कराना सुनिश्चित कराया जाएः रोशन जैकब

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लखनऊ। कोविड रोगियों को ससमय हास्पिटल में भर्ती कराने के उद्देश्य से प्रभारी अधिकारी कोविड-19 लखनऊ डॉ रोशन जैकब द्वारा स्मार्ट सिटी सभागार में हास्पिटल एलोकेशन के प्रभारी अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आहूत की गई। प्रभारी अधिकारी द्वारा बताया गया कि कमाण्ड सेंटर का मुख्य उद्देश्य कोविड रोगियों को ससमय हास्पिटल में भर्ती कराकर उनका उपचार कराना है ताकि जन हानि होने से रोका जा सके। जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी द्वारा हास्पिटल एलोकेशन और डी0एस0ओ0 पोर्टल पर बेड की वास्तविक स्थिति सम्बंधित बिन्दुओ की गहन समीक्षा की गई।

प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिए गए कि शत प्रतिशत एमरजेंसी कॉल्स को प्राप्त करते हुए रोगियों को यथा सम्भव तत्काल स्तर पर हास्पिटल में भर्ती कराना सुनिश्चित कराया जाए। सभी एमरजेंसी कॉल्स महत्वपूर्ण है, सिविएरिटी के आधार पर रोगियों को भर्ती कराना सुनिश्चित कराया जाए। सभी शिफ्ट के अधिकारी आने वाली एमरजेंसी कॉल्स का उसी दिन निस्तारण करना सुनिश्चित कराएंगे। साथ ही निर्देश दिया कि कमाण्ड सेंटर प्रभारी शिफ्ट वार लगाए गए अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराए, किसी भी प्रकार की शिथिलता को बर्दाश नही किया जाएगा।

प्रभारी अधिकारी द्वारा निर्देश दिया गया कि जिन हास्पिटलो द्वारा रिक्त बेड होने के बाद भी रोगियों को भर्ती नही किया जा रहा है, सेक्टर मजिस्ट्रेट के द्वारा उनके विरुद्ध कड़ी कार्यवाही करना सुनिश्चित कराया जाए। पोर्टल पर अभी तक लॉगिन न करने वाले, पोर्टल में बेड रिक्त होने के बाद भी रोगियों को भर्ती न करने वाले और पोर्टल पर ससमय बेड की स्थिति का विवरण न दर्ज करने वाले हास्पिटलो कि सूची तत्काल उपलब्ध कराई जाए। ताकि उनकी जिम्मेदारी तय की जा सके।

बैठक में राजधानी हास्पिटल, संजीवनी हास्पिटल, जी0सी0आर0जी0 हास्पिटल व लखनऊ हास्पिटल के सम्बंध में प्राप्त शिकायतों का संदर्भ लेते हुए प्रभारी अधिकारी द्वारा शिकायतों का क्रास वेरिफिकेशन कमाण्ड सेंटर द्वारा कराया गया। सत्यापन में संज्ञान में आया कि राजधानी हास्पिटल व संजीवनी हास्पिटल द्वारा पोर्टल ससमय अपडेट किया जा रहा है। परंतु उक्त दोनों हास्पिटल के द्वारा बेड रिक्त होने के बाद भी जल्दी रोगियों को भर्ती नही किया जाता जिसके लिए प्रभारी अधिकारी द्वारा राजधानी हास्पिटल एवं संजीवनी हास्पिटल को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए। जी0सी0आर0जी0 मे ऑक्सीजन पाईप लाइन की मरम्मत होने के कारण भर्ती नही की जा रही है। उनके द्वारा पोर्टल पर बेड की स्थिति शून्य पाई गई। हास्पिटल द्वारा बताया गया कि कल 2 दिन के बाद से बेड की स्थिती दर्ज कराते हुए हास्पिटल को शुरू कर दिया जाएगा। लखनऊ हास्पिटल द्वारा पोर्टल पर समय से बेड विवरण दर्ज कराया जाता है परंतु उक्त हास्पिटल में सभी बेड खाली पाए गए उनके द्वारा बेड रिक्त होने के बाद भी रोगियों को भर्ती नही किया जा रहा है, जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी ने निर्देश दिया कि जिला प्रशासन द्वारा लखनऊ हास्पिटल व जी0सी0आर0जी0 हास्पिटल को स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए। साथ ही बताया कि जो हास्पिटल कोविड रोगियों के उपचार हेतु समस्त सुविधाओ से सुसज्जित है और कोविड रोगियों का उपचार करने के लिए प्रतिबद्ध है उन्हें ही कोविड हास्पिटल के रूप में अधिकृत किया जाए,अनावशयक हास्पिटलो को जिला प्रशासन द्वारा सूची से बाहर किया जाए।

डी0एस0ओ0 पोर्टल की समीक्षा के दौरान संज्ञान में आया कि रेवंता और पूजा हास्पिटल द्वारा अभी तक पोर्टल पर लॉगिन भी नही किया गया। जिसके लिए प्रभारी अधिकारी द्वारा जिला प्रशासन से उक्त दोनों हास्पिटलो कोविड उपचार को श्रेणी से बाहर करने को कहा गया। संज्ञान में आया कि सहारा और प्रसाद हास्पिटल द्वारा अभी भी समय से पोर्टल पर उपलब्ध/भरे हुए बेड की स्थिती प्रतिदिन दर्ज नही कराई जा रही है। सहारा द्वारा 4 मई और प्रसाद हास्पिटल द्वारा 6 मई को आखरी बार पोर्टल पर विवरण दर्ज कराया गया था जिसके सम्बन्ध में प्रभारी अधिकारी कहा कि जिला प्रशासन  दोनो हास्पिटलो को स्पष्टीकरण जारी करे और अनुपालन न होने की दशा में एपेडेमिक एक्ट के तहत वैधानिक कार्यवाही करना सुनिश्चित कराए।

संज्ञान में आया कि कुछ हास्पिटल ऐसे भी है जिनके द्वारा रिक्त बेड के सापेक्ष बहुत कम भर्ती की जाती है जिनके नाम क्रमशः श्री साई हास्पिटल, राधा कृष्णान सरकार मल्टी स्पेशिलिटी हास्पिटल, उर्मिला हास्पिटल, एस0एच0एम0 हास्पिटल, विनायक हास्पिटल, कामाख्या हास्पिटल, शिवा हास्पिटल, अवतार हास्पिटल, शताब्दी सुपर स्पेशिलिटी हास्पिटल है, जिनको जिला प्रशासन द्वारा स्पष्टीकरण जारी करने के निर्देश दिए गए।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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