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भगवान के दर्शन करने पर ससुरालवालों ने महिला के साथ किया ऐसा काम, जानकर दंग रह जाएंगे आप!

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नई दिल्ली। क्या भगवान पर बस कुछ ही लोगों का हक है? क्या भगवान के दर्शन बस चुंनिदा लोग ही कर सकते हैं? ऐसा हम इसलिए पूछ रहे हैं क्योंकि एक महिला को उसके ससुराल वालों ने सिर्फ इस वजह से घर से निकाल दिया क्योंकि वह मंदिर में भगवान के दर्शन करके आई थी।

हम बात कर रहे हैं कई दिनों से चर्चा के केंद्र में रहे सबरीमाला मंदिर की। हाल ही में दो महिलाओं ने मंदिर में भगवान के दर्शन कर इतिहास रच दिया था, लेकिन दर्शन करने के बाद दोनों महिलाओं के साथ जो सलूक हो रहा है वह हैरान कर देने वाला है।

42 वर्षीय महिला कनक दुर्गा को उसके ससुराल पक्ष ने घर निकाला देकर मलप्पुरम स्थित पति के घर वापस नहीं लौटने के लिए कहा है।

कनक ने इस मुद्दे को लेकर जिले के हिंसा संरक्षण अधिकारी के पास शिकायत दर्ज कराई है। शिकायत दर्ज कराने के बाद उसे अब पुलिस सुरक्षा के साथ एक सरकारी आश्रय गृह में स्थानांतरित कर दिया गया है।

इससे पहले इन दोनों महिलाओं को कट्टरपंथी हिंदू संगठनों की धमकी दी जा रही थी, जिसकी वजह से वह अपने घर नहीं लौट पा रही थीं।

हालांकि, पुलिस सुरक्षा मिलने के बाद वो घर लौटी थीं। सबरीमाला मंदिर में रजस्वला उम्र यानी 10 से 50 साल तक की महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। हालांकि, इस परंपरागत रोक को सुप्रीम कोर्ट ने खत्म कर दिया है।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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