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कांग्रेस ने दिया सचिन को टिकट, इस लोकसभा सीट से लड़ेंगे चुनाव

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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में कुछ ही दिन बचे हैं, ऐसे में तमाम राजनीतिक दलों ने वोटरों के रिझाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।

जहां एक ओर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) अपने पांच सालों के रिपोर्ट कार्ड के जरिए पीएम मोदी को दोबारा प्रधानमंत्री बनाने की बात कर रही है वहीं कांग्रेस राफेल, बेरोजगारी के मुद्दे पर बीजेपी को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

इस लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए दोनों ही बड़ी (कांग्रेस और बीजेपी) पार्टियां टिकट बांटने में बहुत ज्यादा सावधानी बरत रही हैं।

दोबारा सत्ता में आने के लिए बीजेपी ने इस बार कई सांसदों के टिकट काट दिए हैं वहीं कांग्रेस भी सोच समझकर मजबूत दावेदारों को चुनावी समर में उतार रही है।

हाल ही में कांग्रेस ने अमरोहा से राशिद अल्वी के चुनावी मैदान में उतारा था लेकिन अब राशिद ने लोकसभा का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है। चुनाव न लड़ने के पीछे उन्होंने अपनी खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक राशिद के चुनाव लड़ने के इनकार के बाद अब इस सीट से सचिन चौधरी को मौका दिया गया है। आपको बता दें कि इस संसदीय सीट से बीजेपी ने कुंवर सिंह तंवर को मौका दिया है वहीं बसपा से दानिश अली इस चुनाव में अपना हाथ आजमाएंगे।

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ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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