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सलमान के हिट एंड रन मामले पर औचित्य सुनवाई हो : वकील

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सलमान के हिट एंड रन मामले पर औचित्य सुनवाई हो : वकील

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सलमान के हिट एंड रन मामले पर औचित्य सुनवाई हो : वकील

नई दिल्ली| बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के 2002 के हिट एंड रन मामले में औचित्य के आधार पर सुनवाई करना चाहते हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने आखिरी दिन पूछा कि क्या सलमान औचित्य के आधार पर सुनवाई से संतुष्ट होंगे। आज हमने सर्वोच्च न्यायालय को सूचित किया कि हमें अपने मुवक्किल सलमान खान से निर्देश मिले हैं और मामले की सुनवाई औचित्य के आधार पर ही हो।

आईएएनएस को दिए गए बयान के मुताबिक, “इसके अनुरूप ही अर्जी मंजूर कर ली गई और अंतिम सुनवाई तय अवधि के अनुरूप ही पूरी होगी।”

गौरतलब है कि यह बयान हिट एंड रन मामले में बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सलमान को बरी किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए महाराष्ट्र सरकार की याचिका स्वीकार करने के बाद आया।

न्यायमूर्ति जगदीश सिंह खेहर और न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की खंडपीठ ने भी मामले की फास्ट ट्रैक सुनवाई से इनकार कर दिया था।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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