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SAMAY RAINA : कौन हैं समय रैना, दीपिका पादुकोण को लेकर कही ऐसी बात, हो गया विवाद

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मुंबई। समय रैना के शो टैलेंट शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ फिलहाल काफी विवादों में घिरा हुआ नजर आ रहा है. इसकी वजह ये है कि इस शो पर दीपिका पादुकोण की प्रेग्नेंसी और उनके डिप्रेशन का मजाक बनाया गया है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. दीपिका के फैन्स इस वीडियो को देखने के बाद काफी नाराज नजर आ रहे हैं और सभी इस शो की खूब आलोचना भी कर रहे हैं. समय रैना वायरल क्लिप में कहते हैं दीपिका पादुकोण हाल ही में मां बनी हैं. बढ़िया, अब उन्हें आसानी से समझ आएगा कि डिप्रेशन असल में कैसा होता है. उनके इस कमेंट के बाद हंगामा मचा हुआ है.

कौन हैं समय रैना?

समय रैन ‘कश्मीरी’ स्टैंडअप कॉमेडियन हैं, जो इन दिनों अपने डार्क, ‘वेरी डार्क’ और विवादित शो इंडियाज गॉट लेटेंट के चलते सुर्खियों में हैं. समय रैना ने अपने दोस्तों के साथ इंफ्लूएंसर नेटवर्क का सहारा लेते हुए यूट्यूब पर शतरंज के खेल की स्ट्रीमिंग शुरू की थी, लेकिन बाद में उन्होंने स्टैंडअप करना शुरू किया कर दिया. अपने हंसाने के तरीके के चलते समय मशहूर होने लगे. समय रैना एक टैलेंटेड शतरंज प्लेयर भी हैं.

समय ने हैदराबाद में अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की. इसके बाद समय महाराष्ट्र चले गए और प्रिंट इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पुणे से की. फिलहाल समय रैना फुल टाइम कॉमेडी कर रहे हैं. इंस्टाग्राम पर समय रैना के 3.7 मिलियन फॉलोअर्स हैं. यूट्यूब पर उनके 4.46 मिलियन सब्सक्राइबर्स हैं. इन्फ़्लुएंसर आयुष्मान पंडिता ने अपने एक वीडियो में बताया समय की कमाई का खुलासा करते हुए कहा था कि रैना हर महीने लगभग 1.5 करोड़ रुपये कैसे कमा रहे हैं. हालांकि उन्होंने इसे बस अपना अनुमान भी बताया था.

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बिहार का ‘उसैन बोल्ट’, 100 किलोमीटर तक लगातार दौड़ने वाला यह लड़का कौन

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चंपारण। बिहार का टार्जन आजकल खूब फेमस हो रहा है. बिहार के पश्चिम चंपारण के रहने वाले राजा यादव को लोगों ने बिहार टार्जन कहना शुरू कर दिया है. कारण है उनका लुक और बॉडी. 30 मार्च 2003 को बिहार के बगहा प्रखंड के पाकड़ गांव में जन्मे राज़ा यादव देश को ओलंपिक में गोल्ड मेडल दिलाना चाहते हैं.

लिहाजा दिन-रात एकक़र फिजिकल फिटनेस के साथ-साथ रेसलिंग में जुटे हैं. राज़ा को कुश्ती विरासत में मिली है. दादा जगन्नाथ यादव पहलवान और पिता लालबाबू यादव से प्रेरित होकर राज़ा यादव ने सेना में भर्ती होने की कोशिश की. सफलता नहीं मिली तो अब इलाके के युवाओं के लिए फिटनेस आइकॉन बन गए हैं.

महज 22 साल की उम्र में राजा यादव ‘उसैन बोल्ट’ बन गए. संसाधनों की कमी राजा की राह में रोड़ा बन रहा है. राजा ने एनडीटीवी से कहा कि अगर उन्हें मौका और उचित प्रशिक्षण मिले तो वे पहलवानी में देश का भी प्रतिनिधित्व कर सकते हैं. राजा ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाने के लिए दिन रात मैदान में पसीना बहा रहे हैं. साथ ही अन्य युवाओं को भी पहलवानी के लिए प्रेरित कर रहे हैं.

’10 साल से मेहनत कर रहा हूं. सरकार ध्यान दे’

राजा यादव ने कहा, “मेरा जो टारगेट है ओलंपिक में 100 मीटर का और मेरी जो काबिलियत है उसे परखा जाए. इसके लिए मैं 10 सालों से मेहनत करते आ रहा हूं तो सरकार को भी ध्यान देना चाहिए. मेरे जैसे सैकड़ों लड़के गांव में पड़े हुए हैं. उन लोगों के लिए भी मांग रहा हूं कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए सुविधा मिले तो मेरी तरह और युवक उभर कर आएंगे.”

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